विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन मंगलवार को सदन में प्रश्नकाल में किडनी ट्रांसप्लांट केन्द्र का मामला गूंजा। कांग्रेस विधायक राम लाल ठाकुर ने सदन में मामला उठाया और किडनी ट्रांसप्लांट को लगाने में हो रही देरी पर सरकार को घेरा। विधायक रामलाल ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि सरकार ने प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। गत दो सालों में किडनी ट्रांसप्लांट के प्रशिक्षण के लिए कितने चिकित्सक पीजीआई चंडीगढ़ और अन्य स्थानों में भेजे गए। प्रशिक्षण पर सरकार ने कितनी धनराशि खर्च का ब्यौरा भी विधायक ने मांगा।
रामलाल ने कहा कि पिछले दो सालों से प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा देने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक यहां लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है जिसके चलते उन्हें बाहरी राज्यों का रुख करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट के प्रशिक्षण के लिए आठ डॉक्टर भेजे गए हैं, जिनमें डॉ। राकेश चौहान आचार्य शल्य चिकित्सा विभाग को पीजीआई चंडीगढ़, डॉ. पमपोश रैना विभागाध्यक्ष यूरोलॉजी एम्स न्यू दिल्ली, डॉ. सुरेंद्र सिंह विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया पीजीआई चंडीगढ़, डॉ. गिरीश यूरोलॉजी एम्स न्यू दिल्ली, डॉ. दारा सिंह एनेस्थीसिया एम्स, डॉ. पूजा मुरगई पैथोलॉजी पीजीआई चंडीगढ़, डॉ. ललिता नेगी पैथोलॉजी पीजीआई चंडीगढ़ और डॉ. कार्तिक सयाल एनेस्थीसिया को प्रशिक्षण के लिए एम्स नई दिल्ली भेजा गया है और जैसे ही ये प्रशिक्षण ले कर वापस आते हैं वैसे ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा यहां लोगों को दी जाएगी।