मंडी में हुई बीजेपी की हाई प्रोफाइल आपात बैठक में चुनावी रणनीति पर समीक्षा की गई। मंडी लोकसभा सीट में कल कांग्रेस के प्रत्याशी आश्रेय शर्मा ने अपना नामांकन क्या भरा भाजपा में चिंता की लकीरें खींच गई और शाम होते-होते नामांकन का असर भी मंडी के सर्किट हाउस में दिखने लगा। जब भाजपा के मंडी लोकसभा के कोर ग्रुप के लोग एकत्रित होने लगे। सूत्रों की मानें तो बैठक में भाजपा के सभी विधायक पूर्व विधायक और चुनाव प्रचार से संबंधित नेताओं के लिए और आश्रेय शर्मा की रैली और पंडित सुखराम का मंच पर से रोना भाजपा के लिए चिंता की लकीरें खींचता नजर आया।
बताते चलें की मंडी लोकसभा का चुनाव इस समय भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल इसलिए बना हुआ है क्योंकि खुद जयराम ठाकुर वहां पर चुनावी कमान संभाले हुए हैं और ऐसे में अगर किसी भी तरह का नुकसान भाजपा को इस प्रचार में होता है तो उसका सीधी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की होगी। वहीं, पंडित सुखराम परिवार भी हर तरह से चुनाव प्रचार में जुटा हुआ है और किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ते हुए कल अपना पूरा शक्ति प्रदर्शन आश्रेय शर्मा ने नामांकन के दौरान किया। सेरी मंच में बड़ी भीड़ जुटाकर आश्रेय शर्मा ने यह भी स्पष्ट करने का प्रयास भाजपा को करा दिया है कि आज भी पंडित सुखराम और उनके परिवार का जलवा मंडी लोकसभा सीट पर कायम है।
वहीं, वीरभद्र सिंह और उनके परिवार का लगातार पंडित सुखराम को मिल रहा समर्थन भी कहीं न कहीं भाजपा के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इस विषय को लेकर कल देर रात तक भाजपा कोर ग्रुप की बैठक मंडी के बारे में हुई जहां पर मंडी लोकसभा क्षेत्र से ही दो पूर्व मंत्रियों को लेकर भी चर्चा हुई कि यह लोग भी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में ना चल जाए और उन्हें भाजपा में रोकना है इसके लिए भी व्यापक रूपरेखा तैयार की गई। इस तरह से मंडी लोकसभा क्षेत्र में अब पूरे हो चुके हैं तो चुनाव प्रचार में भारी दमखम एक तरफ जहां दिखाई देगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की राजनीति कुशलता और सुखराम परिवार का प्रभाव दोनों ही चीजों में कभी टक्कर होती नजर आएगी