लोकसभा चुनाव में रुझानों के बाद अब अंतिम परिणाम भी आने शुरू हो गए हैं। इसी बीच राहुल गांधी ने वायनाड सीट जीत ली है। हालांकि, सुबह से जिस तरह से रुझान आ रहे थे उसको देखकर लग रहा था कि वायनाड सीट से उनकी जीत लगभग तय है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल से चुनाव लड़ने के कारण कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ को फायदा हुआ क्योंकि केरल में कांग्रेस काफी सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
केरल की वायनाड लोकसभा सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी। तब से अब तक इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। इस सीट के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं। ये सातों विधानसभा सीटें मनंथावाड़ी, सुल्तानबथेरी, कल्पेट्टा और कोझीकोड जिलों में पड़ती हैं। 2009 से इस सीट पर कांग्रेस के एमआई शानवास सांसद हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के यहां से चुनाव लड़ने की वजह से यह संसदीय सीट हाई-प्रोफाइल सीटों में शुमार हो गई थी और सभी की नज़रें इस सीट पर लगी हुई थीं। हालांकि, कांग्रेस का गढ़ होने के कारण राहुल गांधी की जीत इस सीट पर लगभग पक्की मानी जा रही थी।
वायनाड जिले की आबादी 8.18 लाख है जिनमें से 4.01 लाख पुरुष और 4.15 महिलाएं है। इस जिले की साक्षरता दर 89.03 प्रतिशत है। वायनाड में 49.48% हिंदू, 28.65% जनसंख्या मुस्लिम और ईसाई समुदाय की आबादी 21.34% है।
बता दें कि राहुल गांधी ने इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ा था- वायनाड और अमेठी से। अमेठी की सीट से राहुल गांधी सुबह से ही बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी से पीछे चल रहे हैं।