मंडी उपचुनाव में प्रचार अपने आखिरी पड़ाव में है. लेकिन, अब आखिरी मोड़ पर बीजेपी को ब्राह्मण वोटरों की चिंता सताने लगी है. लिहाजा, बीते कुछ दिनों में पार्टी की गतिविधियां सांकेतिक रूप से प्रॉमिनेंट ब्राह्मण चेहरों के ईर्द-गिर्द घूमने लगी हैं. मसलन, हाल ही में राजनीति से संन्यास ले चुके शांता कुमार का प्रचार में उतरना और बीजेपी प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना का स्वर्गीय पंडित राम स्वरूप शर्मा के घर पर पहुंचना साफ उदाहरण हैं.
गौरतलब है कि बीजेपी ने रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है. खुशाल ठाकुर चूंकि बतौर समुदाय राजपूत समाज से ताल्लुक रखते हैं. लेकिन, बीते कुछ अर्से से बीजेपी ने ब्राह्मण समाज में अपनी कोई गतिविधि कायम नहीं की थी. वहीं, मंडी में ब्राह्मण मतदाताओं का भी एक अपना आधार है और यहां के ब्राह्मण चेहरों का भी अच्छा-खासा जनाधार है. लिहाजा, बदलती रणनीति के तहत बीजेपी ने अब ब्राह्मण मतदाताओं का विश्वास हासिल करने के लिए राजनीति के अस्तबल नए रेस के घोड़ों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है.
मंडी उपचुनाव में शांता कुमार के भी प्रचार करने से राजनीतिक पंडितों का दिमाग घूम गया है. क्योंकि, शांता कुमार पहले ही राजनीतिक संन्यास का ऐलान कर चुके थे. लेकिन, अब लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की नईया पार लगाने के लिए फिर से इन्होंने प्रचार अभियान में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है. बल्ह के पैड़ी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए शांता कुमार ने तो सीएम जायराम ठाकुर की जमकर सराहना की और उन्हें ‘खुशहाली वाले मुख्यमंत्री’ की संज्ञा दे डाली. जबकि, गौर करने वाली बात ये है कि कुछ दिन पहले तक शांता कुमार जमकर पार्टी की नीतियों की आलोचना कर रहे थे.
आपको बता दें कि मंडी लोकसभा सीट पर पंडित राम स्वरूप शर्मा दो बार लोकसभा चुनाव में विजयी हुए. और अपने दूसरी पारी के दौरान ही संदिग्ध परिस्थितियों में दिल्ली स्थिति आवास पर उनकी मौत हो गई. हालांकि, उनकी मौत को लेकर कई बार निष्पक्ष जांच की बातें भी उठीं. वैसे फिलहाल, चुनाव में यह मुद्दा कोई खास नहीं है. लेकिन, बतौर सामाजिक पृष्ठभूमि पंडित राम स्वरूप शर्मा को लेकर बीजेपी समाज के एक तबके की सिमपैथी जरूर हासिल करने की कोशिश कर रही है.