बीजेपी ने अपने मंत्री हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्रवाई की है. उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया है. दरअसल हरक सिंह रावत पार्टी पर तीन टिकट देने का दबाव बना रहे थे.
वह पार्टी से खुद के अतिरिक्त अपनी पुत्रवधू और अपनी एक समर्थक को टिकट देने की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी हरक सिंह रावत के आगे नहीं झुकी और उलटा उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर पार्टी से भी छह साल के लिए निलंबित कर दिया है.
आपको बता दें कि हरक सिंह रावत लगातार बीजेपी को ब्लैकमेल कर रहे थे इससे पहले भी वह पार्टी को दबाव में लेकर अपनी मांगे मनवाते रहे हैं. इस बार पार्टी उनके आगे नहीं झुकी और कारवाई कर बाहर का रास्ता दिखा दिया, इससे पहले भी दिसंबर महीने में हरक सिंह रावत कैबिनेट से उठकर कर चले गए थे और इस्तीफ़े की धमकी दी थी.
तब राज्य सरकार ने उनकी मांग मानते हुए कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज को मंज़ूरी दे दी थी लेकिन इस बार हरक सिंह रावत की मांग और ज़्यादा बढ़ गयी वे विधानसभा चुनावों में खुद के सहित कुल तीन टिकट मांग रहे थे. लेकिन पार्टी ने मांगे मानने की बजाय उन्हें पहले मंत्रीमंडल से बर्खास्त किया और फिर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छः साल के लिए निलंबित कर दिया.
माना जा रहा है कि अब हरक सिंह रावत सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, हरक सिंह रावत पांच साल पहले कांग्रेस से बाग़ी होकर बीजेपी में आए थे, वैसे हरक सिंह रावत का राजनीतिक दल बदलने का इतिहास काफ़ी पुराना है.