मॉनसून सत्र: नाराज विपक्ष का सदन से वॉकआउट, कार्रवाई कल 11 बजे तक स्थगित

<p>नियम 67 के तहत कोरोना को लेकर चल रही विधानसभा सदन में चर्चा के दूसरे दिन विपक्ष के विधायकों को सदन में चर्चा में हिस्सा लेने के लिए समय न दिए जाने नाराज विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सत्तापक्ष विपक्ष की आवाज दबाने का काम रही है और विपक्ष के विधायकों को चर्चा में भाग लेने के लिए समय नही दिया जा रहा है जबकि पक्ष के मंत्री को जवाब देने के लिए पूरा समय दिया जा रहा है। सदन को 5 बजे स्थगित करने की क्या जल्दबाजी है। सभी को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए लेकिन सरकार अपनी कमियों को सुनना नहीं चाहती है इसलिए विपक्ष के विधायकों को बोलने नहीं दिया जा रहा है।</p>

<p>वहीं, मुख्यमंत्री ने विपक्ष के वाकआउट को स्वीकार करने से मना कर दिया और कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने पहली बार नियम 67 पर चर्चा के लिए समय दिया है क्यूंकि मुद्दा गंभीर है और इस पर चर्चा होनी चाहिए।.चर्च्रा के लिए ढाई घंटे का समय दिया गया था लेकिन आज दो दिन चर्चा को हो गए हैं ऐसे में विपक्ष के आरोप बेबुनियाद है।&nbsp;</p>

<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>पढ़ें नियम 67 की चर्चा में क्या-क्या हुआ-</strong></span></p>

<p>दोपहर भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी 67 स्थगन प्रस्ताव पर बोलने के लिए खड़े हुए। सुखराम चौधरी ने कारोना काल में जयराम ठाकुर सरकार द्वारा किए गए कार्यों की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद केन्द्र और प्रदेश सरकार ने बेहतर काम किया।</p>

<p>सुखराम चौधरी के बाद सुखविंदर सिंह सुख्खू ने चर्चा को आगे बढ़ाया की कारोना काल में हिमाचल की जनता ने अनुशासन में रहकर सरकार के बनाए नियमों का पालन किया। जनता के धन्यवाद के साथ कारोना वारियर्स का धन्यवाद करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कारोना काल में यज्ञ करवाकर सबसे पहले सोशल नियमों का पालन नहीं किया। सरकार आर्थिक तंगी की बात कर रही है लेकिन नियुक्तियां कर रही है। नादौन से एसडीएम का राजनीतिक दबाब से तबादला कर किया जाता है।</p>

<p>जिस पर मुख्यमंत्री ने ऐतराज़ जताया और कहा कि एसडीएम के तबादले में राजनीति नहीं हुई। जहां तक सोशल डिस्टेंसिन की बात है तो कांग्रेस ने आज भी विधानसभा के बाहर धरना दिया। उसमें सोशल डिस्टनसिंग कहां थी।&nbsp;</p>

<p>सुखविंदर सिंह सुख्खू के बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता कारोना को लेकर तथ्यहीन ब्यानबानी कर रहे है। भारत मे कारोना पर नियंत्रण ही नही किया बल्कि पीपीई किट और वेंटिलेटर अस्पतालों में पहुंचाए। आज भारत विदेशों को पीपीई किट भेज रहा है। हिमाचल कांग्रेस के बड़े नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी की शिकायत करते है। सुरेश भारद्वाज बीच में गुस्सा भी हो गए। उधर सुरेश भारद्वाज की बात से नाराज़ विपक्ष के सदस्य ने नारेबाज़ी शुरू कर दी। इधर विपक्ष नारेबाजी करता रहा उधर संसदीय कार्यमंत्री अपनी बात कहते रहे। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को शांत करवाया व सुरेश भारद्वाज फ़िर बोलने के लिए उठे। उन्होंने कहा कि कारोना वायरस भाजपा या कांग्रेस नही देखती है। इसलिए इस पर राजनीति न करें।&nbsp;</p>

<p>सुरेश भारद्वाज के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल को बोलने की इजाज़त दी जिसको लेकर विपक्ष ने ऐतराज़ जताया और कहा कि एक मंन्त्री के बाद दूसरे मंन्त्री को समय देने से पहले विपक्ष के सदस्य को भी बोलने का मौका दिया जाए। विपक्ष ने हल्ला शुरू कर दिया। जिस पर मुख्यमंत्री को दख़ल देना पड़ा और कहा कि यदि चर्चा लंबी खिंचेगी तो जवाब बुधवार को देना पड़ेगा। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इसमें सिर्फ़ अढ़ाई घंटे तक चर्चा हो सकती है। वाबजुद इसके दोनों पक्षों की सहमति के बाद 67 स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा जारी कर दी गई।&nbsp;</p>

<p>सदन की सहमति के बाद बड़सर के कांग्रेसी विधायक इंद्रदत्त लखनपाल चर्चा में भाग लेने खड़े हुए। उन्होंने कहा कि कारोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में सरकार तानाशाह बन गई है। कांग्रेस पार्टी ने कारोना काल में कंधे से कन्धा मिलाकर काम किया। लेकिन सरकार ने कांग्रेस के कदम रोकने की कोशिश की। ये कहना गलत है कि सिर्फ सरकार ने ही काम किया। चाहे जो भी पार्टी रही है जिसने काम किया वह जनता के ऊपर कोई एहसान नही किया।</p>

<p>सरकाघाट के भाजपा विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने अपने आप को चर्चा में शामिल करते हुए कहा कि कारोना सबके लिए चिंता का विषय है लेकिन विपक्ष एक नकारात्मकता इससे भी अधिक चिंता की बात है। सरकार ने समय रहते लॉक डाउन किया जिससे महामारी को काफ़ी हद तक रोकने में मदद मिली।</p>

<p>चर्चा में भाग लेते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि हिमाचल में कारोना को लेकर ठोस कदम उठाए नतीज़तन हिमाचल में अन्य राज्यों के मुक़ाबले कम मामले आए। विपक्ष ने चर्चा में कहा गया कि सस्ती दुकानों में राशन महंगा कर जनता पर बोझ डाला गया। ये सरासर गलत है। सिर्फ़ एपीएल परिवारों के राशन में अनुदान कम किया गया है। ग़रीब परिवारों को अभी भी पहले की ही तरह राशन दिया जा रहा है। जहां तक करदाताओं की बात है तो भारत सरकार के अनुदान के मुताबिक़ उनको भी राशन दिया जाएगा।</p>

<p>विपक्ष की तरफ से कर्नल धनी राम शांडिल ने भाग लेते हुए कहा कि कारोना के शुरुआती दौर में ट्रम्प की यात्रा रोक दी जाती व मध्यप्रदेश में सरकार बनाने की होड़ छोड़ दी जाती तो कारोना रुक जाता। देश में कुप्रबंधन के कारण जीडीपी सबसे निचले स्तर पर है।</p>

<p>भाजपा आनी विधायक किशोरी लाल ने चर्चा में भाग लेते हुए कारोना काल में सरकार के कार्यों की सराहना की ओर विपक्ष से पूछा कि जब सरकार कारोना से लड़ाई लड़ रही थी तब आप कहां थे?</p>

<p>चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस रोहड़ू के विधायक मोहन लाल बरागटा ने कारोना काल में सरकार की नाकामी की बात कही। उन्होंने कहा कि कारोना काल में सरकार के कुप्रबंधन से लोगों को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। अपने प्रदेश से आने जाने के लिए पास तक नही बने। सेब सीजन में बागवानों को लेबर की कमी का दंश झेलना पड़ रहा है। बागवान अपने खर्चे पर लेबर लाई यहां तक कि लेबर के लिए जगह भी खुद देनी पड़ी। बाबजुद इसके कई लेबर के लोग कारोना पॉजिटिव पाए गए।</p>

<p>झंडूता के भाजपा विधायक जीत राम कटवाल ने कहा कि कारोना काल में सभी ने अपना अपना सहयोग दिया। कारोना का ईलाज अभी आया नही है वैक्सीन आई नही ऐसे में सिर्फ़ ऐतिहात ही बरते जा सकते थे। इस दिशा में सरकार ने काम किया। 1 लाख राशन किट इस दौरान बांटी, 26 लाख मास्क भाजपा ने बांटे। &nbsp;&nbsp;</p>

<p>धर्मशाला के भाजपा विधायक विशाल नेहरिया ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कारोना महामारी से मृत्यु दर विश्व के मुक़ाबले भारत में कम हुई है। ये पीएम मोदी की दूरदर्शिता का नतीज़ा है। हिमाचल में .7 मृत्युदर है जबकि रिकवरी रेट 72 फ़ीसदी है। मामले भले ही बढ़ रहे है लेकिन टेस्ट भी ज़्यादा हो रहे हैं। हिमाचल सबसे ज्यादा परीक्षाएं करवाई गई एक भी मामला सामने नहीं आया।</p>

<p>नियम 67 की चर्चा पर आगे बोलते हुए पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि कारोना के प्रोटोकॉल का यदि किसी ने सबसे ज़्यादा उल्लंघन किया तो भाजपा ने किया पोंटा साहिब बैठक की सिलसिला यहाँ भी नही रुका मुख्यमंत्री यज्ञ में शामिल हो जाते है। कारोना काल में मॅहगाई का बोझ जनता के ऊपर डाला गया। कारोना से मृत्यु दर का &nbsp;श्रेय सरकार न ले क्योंकि भारत के लोगों की इम्युनिटी विश्व भर में बेहतर है।</p>

<p>चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बंजार के विधायक सुंदर सिंह ने सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि कारोना के ख़तरे के बीच मुख्यमंत्री ने बाहरी राज्यों में फँसे लोगों को घरों तक पहुंचाया। बेरोजगारों को मनरेगा में खेती से जोड़ने की योजना बनाई। इस सबके बाबजुद विपक्ष को सिर्फ़ आलोचना करनी है।</p>

<p>इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल को एक बार फ़िर बोलने को कहा गया लेकिन विपक्ष ने कहा कि उनको भी बोलने का मौका दिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन विपक्ष ने नाराज़गी जाहिर करते हुए सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से वाकआउट कर दिया।</p>

<p>विपक्ष के वाकआउट के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल ने कहा कि कारोना से निपटने के लिए सरकार ने पुख्ता इंतज़ाम किए। विपक्ष ने प्रदेश में बढ़ती आत्महताएँ बढ़ने की बात कही है इसके पीछे कई वजह है। मानसिक तनाब इसके लिए सबसे ज़्यादा जिम्मेदार है। स्वास्थ्य विभाग ई- संजीवनी के माध्यम से 454 अस्पतालों व 360 प्राथमिक केंद्रों में ये केंद्र खोले गए है। स्वास्थ्य विभाग के घोटाले पर डॉ राजीव सैजल ने बताया कि ये मामला सरकार या पार्टी से संबंधित नही है बल्कि स्वास्थ्य विभाग के एक निदेशक का है जिसको लेकर जांच पूरी ही चुकी है व चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां तक सचिवालय में सेनेटाइजर ख़रीद की बात है तो इसको लेकर कार्यवाही की गई है। मामले की जाँच अभी जारी है। बिलासपुर पीपीई किट मामले पर भी कार्यवाही अमल में लाई गई। उन्होंने कहा कि हर प्रणाली में कुछ न कुछ खामियां रहती है लेकिन बहुत खूबियां भी होती है जिसकी विपक्ष को तारीफ़ करनी चाहिए। लेकिन विपक्ष सिर्फ़ आलोचना कर रहा है जो उचित नही।</p>

<p>सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि अढ़ाई घण्टे की चर्चा को दो दिन बढ़ाया गया। बाबजुद इसके विपक्ष का रवैया समझ से परे है। आज का वाकआउट घोषित नहीं है बल्कि सदन छोड़कर गए हैं। इसी के साथ विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस चर्चा का जबाब देंगे।&nbsp;</p>

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