नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार ने सदन आयोजित कर कोई खैरात नहीं दी है। यह संविधान के नियमों के तहत बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने लोगों को खून के आंसू रुलाये हैं। प्रदेश के हालात बेहद खस्ता हैं। सरकार महा कन्फ्यूज्ड सरकार बनकर रह गयी है। सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरह से विफल हो गयी है। जनता कर्फ्यू से लेकर अब तक प्रदेश की बदहाली हुई है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राशन के दाम बढ़ाये गए, सब्सिडी खत्म की गई, बिजली मंहगी कर दी, बस किराया बढ़ाया गया, ट्यूशन फीस के नाम भारी फीस वसूली, बलात्कार, आत्महत्या के मामले बढ़े, कानून व्यवस्था की हालत चिंताजनक, 4 लाख हिमाचली लोगों की नौकरी छीन गयी, फर्जी डिग्री बांटी गई, चेयरमैन बनाकर फिजूलखर्ची, प्रदेश के लोगों पर देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए, पंचायतों के गठन में बंदर बांट, मंत्रियों की दौड़ दिल्ली लगी, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार,अस्पताल जाने से से लोग डर रहे, क़वारन्टीन सेंटर की हालत खस्ता, पर्यटन कारोबार ठप हो गया, मंत्री कोरोना पॉजिटिव हो रहे और कोरोना को फैलाया जा रहा है।
सरकार कहती है कि प्रदेश की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए लेकिन जनता के बारे में नहीं सोचा गया उनकी हालत खस्ती है। स्वास्थ्य विभाग में पीपीई किट घोटाला हुआ और इस्तीफा पार्टी के अध्यक्ष का हुआ यह कंहा का कानून है। सरकार ने कोरोना को रोकने के बजाय फैलाने का काम किया है। इसलिए मुख्यमंत्री सभी मंत्रियों सहित इस्तीफा दें सरकार टाय टॉय फिश हो गयी है।
जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष मामले को लेकर अखबार की सुर्खियां बटोरना चाहती थी और वाकआउट करना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। विपक्ष आत्महत्या के मामलो को लेकर सरकार को दोषी ठहरा रही है। लेकिन 2013-14 में कांग्रेस के समय भी इतनी ही आत्महत्या हुई थी। स्वास्थ्य विभाग में घोटाले के जो आरोप बिंदल पर लगे थे उस पर नैतिकता के आधार पर पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया। जबकि आरोप केवल राजनीतिक मकसद से लगाये थे जिसमें सच्चाई नहीं थी। लेकिन फिर भी पार्टी में किसी तरह की आंच न लगे इसलिए राजीव बिंदल ने नैतिकता दिखाई । ऐसी नैतिकता विपक्ष को भी दिखानी चाहिए।
राजीव बिंदल बोले विशेष लोग भी आरोप लगने पर दिखाएं मेरी जैसी नैतिकता
विधायक राजीव बिंदल ने कहा कि विपक्ष ने इस्तीफे को लेकर सवाल उठाए जिस पर ज्यादा कुछ कहना नहीं है। लेकिन इतनी बात जरूर कहनी है कि कोरोना महामारी में सरकार पर सवाल उठे जिस पर नैतिकता के आधार पर पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया ताकि जांच प्रभावित न हो। क्योंकि महामारी का दौर है इसलिए अन्य विशेष लोगों को भी नैतिकता का ध्यान रखना चाहिए। बिंदल ने कंही न कहीं मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों पर लगे आरोपों को लेकर इशारा किया कि वह भी नैतिकता दिखाए और आरोप लगने पर इस्तीफा दे ताकि पार्टी और सरकार की साख पर कोई उंगली न उठा सके।