हिमाचल प्रदेश विधानसभा के नौवें दिन प्रश्नकाल के दौरान नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार से पूछा की क्या सरकार अनस्पेंड मनी को खर्चने की योजना बना रही है और इस अनस्पेंड मनी में विधायक निधि और रेड क्रॉस सोसाइटी का पैसा भी है। जिसके जवाब में सरकार ने बताया कि 15000 हजार करोड़ से अधिक अनस्पेंड मनी को खर्चने के लिए विभागों को योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं और इस अनस्पेंड मनी में विधायक निधि और रेड क्रॉस सोसाइटी में विभिन्न विभागों की डिपॉजिट मनी भी शामिल है लेकिन निगमों, बोर्डों और सोसाइटी का पैसा इसमें सम्मिलित नहीं है।
प्रश्नकाल के दौरान विधायक हर्षवर्धन चौहान द्वारा पूछे गए पंचायत चौकीदार को नियमित करने के सवाल पर पंचायती राज मंत्री ने बताया कि पंचायत चौकीदार को नियमित करने के लिए सरकार के पास फिलहाल कोई योजना नहीं है।
एनएचएम के तहत नियुक्त डॉक्टर को नियमित करने को लेकर सरकार कोई नीति नहीं बनाएगी। विनय कुमार द्वारा एनएचएम में लगे डॉक्टर को नीति बनाने के सवाल पर। स्वास्थ्य स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट के डॉक्टरों को नियुक्ति दी है। इसलिए यह राज्य सरकार के दायरे से बाहर हैं इसलिए सरकार इस पर नीति नहीं बना सकती है।
वहीं, प्रश्नकाल से पहले ही सदन में विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि अबकी बार मानसून सत्र में महत्वपूर्ण चर्चा होनी चाहिए। सत्र की अवधि को लंबा रखा गया है। पहले दिन से ही विपक्ष की परिस्थितियां ऐसी रहीं। विपक्ष का आपस में कोई तालमेल नहीं है। सब लोग नेता बनने की कोशिश में लगे हैं। इनके नेता के कहने से पहले ही पीछे से कोई खड़ा हो जाता है और कहता है कि वॉकआउट करेंगे। इस तरह का व्यवहार सदन की गरिमा के खिलाफ है। इसके अलावा सदन में नियम 62 के तहत विधायक रविंद्र कुमार और सुरेंद्र शौरी की तरफ से लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।