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बजट सत्र छोटा करने पर मुकेश अग्निहोत्री का हमला, सरकार चर्चा से भाग रही है

रविंद्र |

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने जयराम सरकार द्वारा बजट सत्र को छोटा करने की खिंचाई की है।  मुकेश अग्रिहोत्री ने बयान जारी कर, विधानसभा सत्र को छोटा करने पर बीजेपी सरकार की नियत और नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार डरपोकों की तरह फुलफ्लेज सत्र न करवा चर्चा से भाग रही है।

मुकेश ने कहा कि विधानसभा सत्र की 13 बैठकें की गई हैं, जो कि बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र की 22 बैठकें होनी चाहिए थीं और सरकार के पास पर्याप्त समय था और जनवरी के अंतिम सप्ताह में सत्र को शुरू किया जा सकता था। वहीं, इस बार विधानसभा सत्र की ब्रेक को भी खत्म कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार कमजोर राजनैतिक इच्छाशक्ति का परिचय देकर मुद्दों पर चर्चा का साहस नहीं दिखा पा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र जनता की आवाज को उठाने का मंच है। ऐसे में जनता की मांगें न उठे और जनहित के मुद्दों पर चर्चा न हो, ऐसा प्रयास सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र महत्वपूर्ण रहता है और इसकी अवधि कम करने से हिमाचल हित के मुद्दों को मंच नहीं मिल पाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण उस पर चर्चा, फिर बजट और उसके बाद बजट पर चर्चा होनी है, ऐसे में इस सत्र के समय पर कट लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा प्रदेश की वित्तिय स्थिति पर बजट सत्र पर चर्चा होनी चाहिए। कर्जा लगातार बढ़ रहा है, इस पर क्या किया जाना है। इस चर्चा को भी सरकार करना नहीं चाहती।

प्रदेश में पिछले वर्ष बजट की घोषणाओं की समीक्षा, प्रदेश की कानून व्यवस्था, केंद्रीय योजनाओं, विकास, बेरोजगारी, राज्य के अहम मसलों पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन जयराम सरकार चर्चाओं से भागने का ही रास्ता ढूंढती आ रही है, यह अफसोस जनक बात है।