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जनता पर आर्थिक बोझ डाल शिमला का उद्धार करेगा नगर निगम!

पी. चंद, शिमला |

शिमला में बढ़ती फजीहतों को दूर करने के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है। लेकिन, सवाल बजट पर आकर अटक गया है। लिहाजा, नगर निगम की मासिक बैठक में अध्यक्ष कुसुम सदरेट समेत तमाम पार्षदों ने अलग-अलग मदों से पैसे इकट्ठा करने पर जोर दिया। बैठक में फैसला लिया गया कि निगम के दायरे में आने वाले पेट्रोल और डीजल पर एक फीसदी के वैट की मांग सरकार से की जाएगी।

गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल में पहले ही भारी-भरक वैट प्रदेश सरकार वसूल रही है। लेकिन, शिमला नगर निगम बजट की कमी को फिलहाल अधिक वैट के जरिए पूरा करना चाहता है। बजट की कमी को पूरा करने के लिए बैठक में पदमदेव कॉम्प्लेक्स पर स्टॉल का किराया प्रतिदिन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार किए जाने को भी मंजूरी दी गयी। यही नहीं, सरकारी और सामाजिक कार्यक्रमों का किराया कमेटी तय करेगी।

इन जरूरी क्षेत्रों में होंगे काम

शिमला नगर निगम ने फैसला किया है कि 10 करोड़ की लागत से आईजीएमसी से संजौली तक पैदल रास्ता बनाया जाएगा। ये पैसा स्मार्ट सिटी से मंजूर भी हो गया है। इसके अलावा धंस रहे रिज के हिस्से को दुरूस्त किया जाएगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी की मदद ली जाएगी।

कोर एरिया की सफ़ाई के लिए पांच स्पेशल पर्पस कॉम्पेक्टर लिए जाएंगे। जो कि सड़क से बीस मीटर तक से गंदगी खींच सकेंगी। ऑनलाइन पेमेंट के लिए निगम लोगों के लिए सर्विस सुगम बनाई जाएगी। इसके साथ ही चार नए डंपर चयनित जगहों पर लगायी जाएंगी।

बैठक में स्लम एरिया में बनने वाले आवास 61 पास किए गए। जिसकी जांच के बाद 32 लोग ही जायज़ पाए गए उन पर भी निगम से पार्षदो ने सवाल उठाए जिस पर पार्षदों अपने अपने ऑब्जेक्शन किए हैं। 

निगर निगम की बैठक में सफाई की रैंकिंग में शिमला के पिछड़ने पर गहरी चिंता जतायी गई। अब निगम पार्षदों के सहयोग से इसे टॉप-20 की श्रेणी में लाने की कवायद तेज़ की जाएगी।