सेब के बागीचों में स्कैब रोग के फैलने से पांच हजार करोड़ रुपये की आर्थिकी पर बढ़ा संकट खड़ा हो गया है। 1980 के दशक के बाद स्कैब रोग ने एक बार फिर से बागीचों में हमला किया है। जिला शिमला के साथ प्रदेश के अन्य जिलों मंडी,कुल्लू, चम्बा में भी ये रोग दस्तक दे चुका है। वहीं बागवानों को उद्दान केंद्रों में समय रहते आवश्यक दवाईयां भी उपलब्ध नहीं हो रही है। जिस कारण बागवान काफी परेशान है। ऐसे में बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को विशेषज्ञों की टीम के साथ स्वंय स्कैब से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए। उद्दान विभाग के केंद्रों पर आवश्यक दवाइयां भी शीघ्र से शीघ्र उपलब्ध की जानी चाहिए। इस संबंध में बागवानी मंत्री से बात कर सभी मुद्दों को रखा गया है। यह बात मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ने प्रेस को जारी बयान में कही।
बरागटा ने कहा स्कैब रोग एक महामारी की तरह है। वर्ष 1980 के दशक में यह रोग फैला था। उसके बाद एक बार फिर से स्कैब ने बागीचों को अपनी चपेट में ले लिया है। उन्होंने बताया कि वह स्वंय बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से बात करके उन्हें सारी स्थिति से अवगत करवा चुके हैं। बागवानी मंत्री से आग्रह किया गया है कि वह स्वंय विशेषज्ञों को लेकर स्कैब से प्रभावित क्षेत्रों में जाए। बागवानों को पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध करवाए। उन्होंने कहा कि वह स्वंय एक बागवान है। इसलिए बागवानों की परेशानियों को समझते हैं। सेब का हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में मुख्य योगदान है। इसलिए बागवानी को नजरअँदाज नहीं किया जा सकता है।