हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सुबह से शुरू होने जा रहा है। लेकिन, आज की रात प्रत्याशियों के लिए बड़ी भारी बीतने वाली है। जनता-जनार्दन फैसला देने के लिए तैयार है और सुबह से अपना जजमेंट देना शुरू कर देगी। सुबह के 8 बजे से लकर शाम 5 बजे तक जनता EVM में अपना फैसला दर्ज करेगी।
किसके खाते में कितने वोट करेंगे ये 9 नवंबर की सुबह से वोटिंग मशीन में कैद होना शुरू हो जाएगा। इस बीच आखिरी पल तक सभी नेता डोर-टू-डोर ही सही मैराथन संपर्क में जुटे हुए हैं। 337 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 50 लाख से अधिक मतदाता करने जा रहे हैं। ऐसे में लोकतंत्र के इस महाकुंभ ने सभी की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
साइलेंट हैं मतदाता
इस बार के हर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता साइलेंट है। समर्थकों की एक बड़ी जमात तो विजिबल है, लेकिन जो आम आवाम है वह बिल्कुल चुप्पी साधे हुए है। इसे एक मेच्योर लोकतंत्र के नजरिए से भी देखा जा सकता है कि जनता किसी गुट का प्रत्यक्ष हिस्सा ना बनकर सीधे अपने मताधिकार का प्रयोग करना उचित समझ रही है।
हिमाचल प्रदेश में बाकी राज्यों की तुलना में यहां का मतदाता कई लेवल पर समझदार साबित होता दिखाई दिया है। मतदाताओं का एक बड़ा तबका किसी प्रचार या प्रलोभनों से दूर ही रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि जनता एक तय मंसूबे से वोट डालने वाली है। अधिकांश जगहों पर मतदान विधानसभा के विकास के मैमाने पर होने वाले हैं। ऐसे में जिन प्रत्याशियों के क्षेत्र में अच्छे काम हुए हैं उनकी धड़कनें थोड़ी काबू में हैं।
वोटरों को लुभाने की आखिरी कोशिश
तमाम विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी अभी भी यह जानकारी जुटा रहे हैं कि कहां का मतदाता किस तरफ वोट डालने का मन बना रहा है। हालांकि, अब मतदान के गिने-चुने घंटे बचे हैं। हर दिशा से खुफिया सूत्र दौड़ाए जा रहे हैं। कई जगहों पर तो प्रलोभन की भी ख़बरें आई हैं। नाहन विधानसभा क्षेत्र में तो एक पत्रकार के साथ मारपीट की भी ख़बर आई है। मारपीट का आरोप लगाने वाले पत्रकार का कहना है कि उसने एक दल -विशेष के कार्यर्ताओं को शराब बांटते हुए कैमरे में कैद कर लिया था। जिसकी वजह से कार्यकर्ताओं ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की और कैमरा तथा मोबाइल भी जब्त कर लिया।
इस तरह के फसाद और प्रलोभनों का मतदाताओं पर कितना असर पड़ेगा यह अब ईवीएम में दर्ज मतों से ही पता चल पाएगा।
सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम
पोलिंग बूथों पर किसी भी अव्यवस्था और खुराफात से निपटने के लिए सभी पोलिंग बूथों पर सुरक्षा बलों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। कड़ी निगरानी में चुनाव आयोग ने मतदान संपन्न कराने के संख्त निर्देश दिए हैं। प्रशासन अपने तमाम संसाधनों के साथ निष्पक्ष वोटिंग के लिए तैयार है।
मतदान केंद्रों पर इस दौरान 65 पैरा-मिलिट्री फोर्स की कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। हिमाचल के उन जिलों के बार्डर भी सील कर दिए गए हैं, जिनके सीमाएं दूसरे राज्यों से मिलती हैं। हर जगह पर नाके लगाकर गाड़ियों की सघन तलाशी ली जा रही है। सुबह भी पोलिंग बूथ पर सुरक्षा चाक-चौबंद रहेगी। धारा 144 भी प्रभावी है।
वोट जरूर करें
समाचार फर्स्ट अपने तमाम पाठकों से यह गुजारिश करता है कि वो लोकतंत्र के इस महाकुंभ में अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करे। बड़े संघर्ष के बाद भारत एक लोकतांत्रिक देश बना है। लिहाजा, अपने लोकतांत्रिक मूल्यों तथा निजी अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए अपना बहुमूल्य वोट जरूर देने पहुंचे। आपका व्यक्ति फैसला प्रदेश के भविष्य को निर्धारित करेगा।