हिमाचल में उपचुनाव के लिए सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन इस बीच कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल दोनों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों पर फैसला नहीं ले पाए हैं। हिमाचल में बीजेपी का चेहरा कौन होगा इसको लेकर चर्चाएं गर्म हैं। चर्चा सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के नाम से शुरू होती है जिसको लेकर धूमल के अलावा बाकी सभी पार्टी नेताओं के बयान उम्मीदवारी को लेकर आए हैं। ऐसे में कुछ ने धूमल का नाम खारिज किया तो कुछ ने समर्थ भी किया। अब ऐसे में यह तो तय माना जा रहा है कि बीजेपी उपचुनाव में कांग्रेस से लाकर कोई उम्मीदवार लाने वाली नहीं है।
वहीं, बीजेपी प्रदेश चुनाव समिति की बैठक कब होगी इसको लेकर भी चर्चाएं गर्म हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी 1-2 दिन में शिमला में बैठक कर सकती है उसके बाद ही फाइनल नाम हाईकमान को भेजे जाने हैं। धर्मशाला की बात करें तो यहां से उमेश दत्त जिनका टिकट पहले भी कच चुका है, उनके नाम पर भी सहमति बन सकती है। लेकिन इस सबके बीच राजीव भरद्वाज लगातार कांगड़ा जिला की राजनीति में सभी के लिए चुनौती बने हुए हैं और शांता कुमार का हाथ भी पूरी तरह से उनके ऊपर है। ऐसे में उमेश दत्त के लिए शांता की सहमती भी महत्वपूर्ण हो सकती है। इसके अलावा कुछ और नाम भी हैं जो धर्मशाला उपचुनाव के लिए चर्चा में चल रहे हैं। जबकि कांग्रेस का उम्मीदवार धर्मशाला उपचुनाव के लिए लगभग तय माना जा रहा है।
दूसरी तरफ पच्छाद की बात करें तो यहां कांग्रेस गंगू राम मुसाफिर पर ही दाव खेलती रही है और इस बार फिर वही चेहरा उमीदवार के रूप में होगा। लेकिन बीजेपी के पास यहां भी बलदेव कश्यप और आशीष सिकटा दो नाम हैं जिन पर दाव खेल सकती है। बेशक बीजेपी उम्मीदवारों के नाम पर फाइनल मोहर बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नड्डा ही लगाएंगे और वह प्रदेश की राजनीति से खासे बाकिफ भी हैं। ऐसे में पार्टी उनके करीबी चेहरे को दरकिनार नहीं कर सकती। और यही कारण है कि बीजेपी उम्मीदवारों के नामों को लेकर कोई पत्ते नहीं खोल पा रही है।