जयराम सरकार इस बार हिमाचल नहीं बल्कि दिल्ली में अपनी कैबिनेट बैठक करने जा रही है। ऐसा पहली बार हो रहा कि कैबिनेट बैठक करने हिमाचल से मंत्री और अधिकारी दिल्ली जाएंगे। जयराम सरकार की दिल्ली में होने वाली इस कैबिनेट बैठक को लेकर नेती प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर हमला बोला है। अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार दिल्ली में कैबिनेट बैठक नहीं बल्कि हिमाचल के हकों को अफसरशाही के इस राज में किस तरह से बेचा जाए इसकी रूपरेखा तैयार करने जा रही है। इसी रूपरेखा के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अब पूरे कैबिनेट को अफसरों के साथ दिल्ली में तलब किया है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब से प्रदेश में जयराम सरकार बनी है तब से अफसरशाही ने अपना पूरा कब्जा सरकार के ऊपर किया हुआ है। जिसका उदाहरण द्वारका में सरकार द्वारा खरीदी गई 20 करोड़ रुपए की भूमि है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली पहली बार होने जा रहा है कि प्रदेश सरकार की कैबिनेट दिल्ली में होगी। एक तरफ जहां सरकार पहले ही 5500 करोड़ पर घाटे में चल रही है ऐसी स्थिति में अब एक बार फिर से इस तरह से करोड़ों रुपया दिल्ली में कैबिनेट की बैठक के नाम पर ही खर्च कर देना कहां तक जायज है यह मैं सरकार से पूछना चाहता हूं।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह प्रदेश की पहली ऐसी सरकार है जिसको लेकर आम जनता में अब यह धारणा बन चुकि है कि यह सिर्फ अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। सरकार बिना इस बात की परवाह किए सरकारी तंत्र का अधिक से अधिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है कि प्रदेश की जनता के उपर इससे कितना और आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अफसरशाही सरकार के ऊपर कितनी हावी हो चुकी है इसका उदाहरण हाल ही में धर्मशाला में हुआ विधानसभा सत्र भी है। जहां पर अफसरों के रहने वाले कमरे विधायकों और मंत्रियों के रहने वाले कमरों से अधिक कीमती नजर आ रहे थे। इसी से पता चलता है कि अफसर ही सरकार को चला रहे हैं।