भारतीय जनता पार्टी और इनके नेताओं को अगर 'इलेक्शन मशीन' कहा जाए तो कोई ग़लती नहीं होगी। हर चुनाव में अफलातून की तरह काम करने वाली पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र टिकट के दावेदारों पर भी विचार करने शुरू कर दिया है। संगठनात्मक रूप से संभावित उम्मीदवारों के चयन को लेकर नए 'टैलेंट हंट' की तैयारी भी जोरों पर है। जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव में नए चेहरों को जगह मिल सकती है। ख़ास बात यह भी है कि इनमें से एक महिला नेता का नाम तय माना जा रहा है।
चंडीगढ़ में हुई बीजेपी की संगठनात्मक बैठक के बाद संभावित लोकसभा उम्मीदवारों को लेकर चर्चा तेज़ है। लेकिन ख़ास बात यह कि इस बार चुनाव में एक महिला को टिकट दिया जा सकता है। ऐसे में कई नामों पर चर्चा तेज़ है। अगर बड़े नामों की बात करें तो इस क्रम में महिला मोर्चा की अध्यक्ष इंदु गोस्वामी और शिमला नगर निगम की अध्यक्ष कुसुम सदरेट का नाम सबसे आगे चल रहा है।
शिमला में कुसुम की दावेदारी क्यों अहम?
शिमला में कुसुम की दावेदारी को सबसे ज्यादा प्रबल माना जा रहा है। क्योंकि, संघ और संगठन में उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती रही है। इसके अलावा शिमला के वर्तमान सांसद वीरेंद्र कश्यप पर कुछ विवादित आरोप भी लगे हैं। जिसकी वजह से कुसुम पहली पंक्ति में खड़ी दिखाई देती हैं।
हालांकि, आंदरूनी पहलू से अगर देखें तो एक धड़ा कांगड़ा लोकसभा सीट से इंदु गोस्वामी की दावेदारी को खत्म करना चाहता है। ऐसे में इनकी भी लॉबिंग शिमला में कुसुम सदरेट के लिए चल रही है। क्योंकि, प्रदेश की कुल 4 लोकसभा सीटों में सिर्फ एक ही महिला को टिकट मिलना तय माना जा रहा है।
कांगड़ा की रेस में इंदु गोस्वामी आगे
अगर कुसुम सदरेट वाले समीकरण पर तवज्जों ना दिया जाए तो कांगड़ा लोकसभा सीट से इंदु गोस्वामी टिकट की प्रबल दावेदार हैं। महिला उम्मीदवार के तौर पर इंदु की स्थिति काफी मज़बूत है। हालांकि, सोशल मीडिया डोमेन में रविंद्र रवि भी अपने स्तर पर अपनी दावेदारी दिखाने की कोशिश में जुटे हैं।
हालांकि, कांगड़ा सीट पर सबसे ज्यादा निगाह वर्तमान सांसद शांता कुमार पर है। शांता कुमार ने पहले ही जाहिर कर दिया है कि वो भले ही चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन लड़ाएंगे जरूर। अब शांता का हाथ किस उम्मीदवार पर होगा यह भी असमंजस का विषय बना हुआ है। क्या शांता कुमार इंदु गोस्वामी को अपना आशीर्वाद देंगे….यह भी डिबेट का विषय है।
मंडी में सर्वे तय करेगा राम-स्वरूप का भविष्य
मंडी लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर किसी महिला उम्मीदवार को लड़ाने का विचार नहीं बन रहा है। यहां पर काफी कुछ बीजेपी के इंटरनल सर्वे पर डिपेंड करता है। विकल्प के तौर पर अगर रामस्वरूप शर्मा की सर्वे में रिपोर्ट सही नहीं आती है, तब किसी दूसरे उम्मीदवार पर चर्चा संभव है। इस रेस में युवा चेहरा प्रवीण शर्मा और पहाड़ो की राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी महेश्वर सिंह हैं।
पिछले दो विधानसभा चुनावों में टिकट के दावेदार रहे प्रवीण शर्मा लोकसभा में भी दावेदारी पेश कर सकते हैं। हालांकि, महेश्वर सिंह भी इस रेस में पंसदीदा चेहरा है। पहले भी वह सांसद रह चुके हैं और पार्टी तथा राज्य सरकार में कामकाज देख चुके हैं। अनुभव के आधार पर उनकी भी दावेदारी मज़बूत है।
हमीरपुर में अनुराग को विश्वासघात का डर
हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से अनुराग ठाकुर का नाम तो शीर्ष पर है ही…लेकिन, पिछले विधानसभा चुनावों के बाद जिस तरह के समीकरण बने हैं, उसमें अनुराग ठाकुर के लिए आंदरूनी खतरे की आशंका जरूर होगी।
विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह धूमल गुट हाशिए पर है, उसके मद्देनज़र टिकट वितरण से लेकर चुनाव जीतने तक में अनुराग ठाकुर के सामने कई बाधाएं हैं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी और संघ की नई तहजीब और नई तरकीब में अनुराग किस तरह ढलने वाले हैं, यह भी देखने वाली बात होगी।