पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस के भारत बंद का ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में असर देखा जा रहा है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में विरोध जता रहे हैं। इससे पहले उन्होंने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद मार्च निकाला।
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में माकपा कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। उड़ीसा के संबलपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताआें ने ट्रेनों को रोका। विशाखापट्टनम में माकपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। पटना में जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ सड़कों पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए। गुजरात के भरूच में बंद समर्थकों ने सड़कों पर टायर जलाकर जाम लगा दिया।
ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एकजुट :
कांग्रेस के मुताबिक, केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बुलाए गए इस बंद में देशभर की 20 विपक्षी पार्टियां और कई व्यापारिक संगठन समर्थन दे रहे हैं। इनमें सपा, राजद, जेडीएस, राकांपा, मनसे, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और कम्युनिस्ट पार्टियां शामिल हैं। उधर, आम आदमी पार्टी (आप) और ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजद ने इस बंद का समर्थन नहीं करने का ऐलान किया है।
संसद के भीतर और बाहर लड़ाई लड़ रही कांग्रेस :
कांग्रेस नेता अजय माकन ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में महंगाई, राफेल सौदे में भ्रष्टाचार, रुपए की गिरती कीमतें, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर कोई बात नहीं की गई। कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद के भीतर और बाहर भाजपा की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस इस बंद के माध्यम से केंद्र सरकार पर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए दबाव डालेगी।
कांग्रेस की अपील- कार्यकर्ता बंद को हिंसा मुक्त रखें :
कांग्रेस नेता अजय माकन ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से इस बंद को हिंसा मुक्त रखने की अपील की। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पार्टी रही है और बापू के अहिंसा के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए बंद को पूरी तरह हिंसा मुक्त रखने का अनुरोध करती है।