बीजेपी प्रदेश के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने 22 विपक्षी दलों द्वारा ईवीएस पर ओछी राजनीति किये जाने और देश में अराजकता फैलाने की साजिश करने का आरोप लगाया है। सत्ती ने कहा कि ईवीएम का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है। हार की बौखलाहट से यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रकिया पर सवालिया निशान उठाकर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का काम कर रही है।
सत्ती ने कही कि ईवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन विपक्षी पार्टियां ने कभी न कभी ईवीएम द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है। यदि उन्हें ईवीएम पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता क्यों संभाली ? देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा पीआईएल का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है । जिसमें हर विधानसभा क्षेत्र के पांच बूथों पर वीवीपैट को गिनने का आदेश दिया है। उन्होनें विपक्षी पार्टियों से सवाल किया कि क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्न चिन्ह लगायेंगे ?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव नतीजों से सिर्फ दो दिन पहले 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पूरी तरह असंवैधानिक है। क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना संभव नहीं है। विपक्ष ने ईवीएम के विषय पर हंगामा 6 चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एक्जिटपोल के बाद यह और तेज हो गया। एक्जिट पोल ईवीएम के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। इसलिए एक्जिट पोल के आधार पर ईवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाना तर्कसंगत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम गड़बड़ी के विषय पर सक्रिय कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था परन्तु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया। उन्होनें कहा कि वीवीपैट प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रकिया के इतने पारदर्शी के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है।
सत्ती ने कहा कि कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर हथियार उठाने और खून की नदियां बहाने जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। विपक्ष बताये कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है। ईवीएम पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रांतियां फैलाने का प्रयास मात्र है जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानो को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होनें कहा कि देश की प्रबुद्ध जनता अब विपक्ष की बेबुनियाद दलीलों के झांसे में नहीं आने वाली।