हिमाचल प्रदेश विधानसभा का प्रश्नकाल तो शांतिपूर्ण ढंग से चला। लेकिन, जैसे ही नियम 63 के तहत हिमाचल की पावर पॉलिसी के तहत चर्चा चल रही थी तो विपक्ष ने पावर पालिसी में बदलाव पर सवाल उठाए ओर कहा कि ये पूंजीपति घोटाला है। सरकार ने प्रदेश का घाटा कर चेहतों को फायदा पहुंचाया है। जिसको लेकर सदन से वाकआउट कर दिया।
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने बताया कि प्रदेश में बिजली प्रोजेक्ट लगाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। प्रोजेक्ट मालिकों के घाटा कई गुना बढ़ गया है। जिसके चलते कई प्रोजेक्ट लटके पड़े है। ऐसे में सरकार ने प्रोजेक्ट बनाने के लिए छूट दी है।