2019 के लोकसभा चुनाव करीब आए नहीं कि सियासी जुमला फिर से शुरू हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज शनिवार को पार्टी मुख्यालय में रिटायर्ड सैन्यकर्मियों से मिले। इस मुलाकात में राफेल सौदे से लेकर वन रैंक वन पेंशन सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सैन्यकर्मियों के साथ मुलाकात में राफेल सौदे में 'गड़बड़ी' और वन रैंक वन पैंशन में सैनिकों के साथ 'धोखे' की बात उठाई गई। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल के लिए प्रक्रिया बदल दी। साथ ही सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं किया गया।
राहुल गांधी ने कहा कि राफेल के एक हवाई जहाज के लिए 1600 करोड़ रुपए दिए गए, जो कि भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सैनिकों के लिए ओआरओपी का वादा तो किया लेकिन उसे पूरा नहीं कर सकी। हमारी सरकार आएगी, तो सैनिकों के लिए पेंशन स्कीम लागू करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने ओआरओपी की तुलना राफेल सौदे से करते हुए कहा कि सरकार अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपए दे सकती है लेकिन पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए 19 हजार करोड़ रुपए नहीं दिए जा रहे।
मुलाकात के बारे में राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा, 'काफी सकारात्मक बैठक रही, कई बातों पर गंभीरता से चर्चा हुई। वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा प्रमुख रहा जिसमें सैनिकों का कहना है कि सरकार ने वन रैंक वन पेंशन स्कीम अब तक शुरू नहीं की है। राहुल गांधी ने कहा, 'जम्मू और कश्मीर में सरकार की गलत रणनीति का खामियाजा हमारे सैनिक भुगत रहे हैं। अभी राफेल डील का मुद्दा छाया हुआ है। सैनिकों का इसके साथ खास नाता है। नाता ये है कि अनिल अंबानी को सरकार कुछ न करने के एवज में 30 हजार करोड़ रुपए दे सकती है लेकिन सैनिकों को वन रैंक वन पैंशन नहीं दे सकती'।