भाजपा में सब ठीक नहीं चल रहा। एक मंत्री गलती करता है तो दूसरा मंत्री आकर उसे सुधारने का पूरा प्रयास करता है। सरकार अपने ही मंत्रियों से नाखुश नज़र आ रही है। बात है धर्मशाला में वन और खेल मंत्री राकेश पठानिया की पत्रकार वार्ता की जिसमें वे सीएम जयराम ठाकुर का नाम लेना भूल गए। ऐसे में दो दिन बाद सरकार ने दूसरे मंत्री विक्रम ठाकुर की पत्रकार वार्ता की ड्यूटी लगा दी और उन्होंने पठानिया की गलती को सुधारने का प्रयास किया। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने जयराम सरकार के 3 साल का कार्यकाल पूरा होने पर शनिवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता कर सरकार की 3 साल की उपलब्धियों का बखान करने के साथ ही 2 दिन पहले धर्मशाला में ही वन मंत्री राकेश पठानिया द्वारा की गई गलती को सफलतापूर्वक सुधारा।
दरअसल पठानिया ने बीते वीरवार को धर्मशाला में मीडिया के सामने जयराम सरकार की 3 साल की तमाम उपलब्धियों को तो गिनाया। लेकिन उन्होंने बड़ी चूक करते हुए एक बार भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का नाम अपनी जुबान पर नहीं लाया और आधा घंटा चली अपनी प्रेस वार्ता में केवल मुख्यमंत्री शब्द का ही प्रयोग किया। पठानिया ने किसी भी योजना का श्रेय देने के लिए जय राम ठाकुर का नाम लेने की जगह सिर्फ मुख्यमंत्री कहा। वन मंत्री की भाव-भंगिमा भी जोशपूर्ण नहीं दिखी। पठानिया की इस गलती को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद कबीना मंत्री विक्रम ठाकुर को मोर्चा संभालना पड़ा। उन्होंने सूबे की दूसरी राजधानी धर्मशाला में एक बार फिर सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री के रूप में ना केवल सरकार की 3 साल की उपलब्धियों को आंकड़ों के साथ प्रस्तुत किया। बल्कि अपने विभागों का आगामी रोडमैप भी बखूबी सामने रखा। बिक्रम ठाकुर ने यह भी साफ किया कि पहले जो कार्य संस्कृति अफसरों ने अपनाई हुई थी, उसमें अफसरों को बदलाव लाना ही होगा। अब कम से कम उनके विभागों में टरकाऊ नीति नहीं चलेगी।
कोरोना काल मे अटकी परियोजनाओं को पूरा करने पर उनका पूरा फोकस है। प्रदेश के औद्योगिक विकास को गतिशील करने के साथ ही युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए द्रुत गति से कार्य किया जाएगा। इसी के साथ नए साल में सूबे को बल्क ड्रग पार्क के रूप में नई सौगात मिलने जा रही हैं जो ना सिर्फ कोरोना संकट से प्रभावित सूबे की अर्थव्यवस्था को गति गति देगी। बल्कि करोड़ों रुपए के निवेश के साथ हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। विक्रम ठाकुर ने सूक्ष्म लघु और मझोले उद्योगों को सबल देने के लिए क्लस्टर योजना शुरू करने का भी खुलासा किया। औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में केंद्र की सहायता से 3 नई क्लस्टर योजनाओं को शुरू करने का भी उन्होंने एलान किया।
धर्मशाला में की गई इन महत्वपूर्ण घोषणाओं से उद्योग मंत्री ने अपने विभाग का आगामी रोडमैप बयां करने के साथ ही सियासी दृष्टि से महत्वपूर्ण कांगड़ा जिला के की महत्वपूर्ण योजनाओं को भी जल्द धरातल पर उतारने की बात कही। जिनमें चनौर और कंदरोड़ी इंडस्ट्रियल एरिया के विकास और देहरा में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के भवन निर्माण जैसे प्रोजेक्ट प्रमुख हैं।
बहरहाल सियासी दृष्टि से अहम कांगड़ा जिले में बिक्रम ठाकुर अपनी उम्दा कार्यशैली से हर किसी को प्रभावित करने के साथ ही जयराम सरकार के खेवनहार बनते जा रहे हैं। उनका मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ ही केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से भी बढ़िया समन्वय है। इस कारण केंद्र से भी हिमाचल को औद्योगिक विकास के लिए भरपूर मदद मिल रही है। बिक्रम ठाकुर का कहना है कि एक साल पहले धर्मशाला में हुई गलोबल इनवेस्टर्स मीट में आए निवेश प्रस्तावों को जल्द धरातल पर उतरना नए साल 2021 में उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।