मीडिया कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष नरेश चौहान ने हमीरपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी से बहुत से नेता प्रदेश कांग्रेस में आने का मन बना चुके हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी ने एक निर्णय लिया है कि जो भी बीजेपी का नेता संघ की पृष्ठभूमि के होंगे उन्हें पार्टी में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि संघ पृष्ठभूमि के लोग कांग्रेस में एडजस्ट नहीं हो सकते इसलिए हाईकमान ने इस तरह का निर्णय लिया हुआ है।
उन्होंने प्रदेश में हुए अध्यक्ष के बदलाव को लेकर कहा कि 6 साल से सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार अध्यक्ष बने हुए थे और उन्होंने संगठन को पूरे प्रदेश में सहशक्त रूप से खड़ा किया और अब उनका बदलाव होना लगभग तय था । यही कारण है कि उन्हें बदल दिया गया और इसके अलावा जो नए अध्यक्ष बने हैं मैं यह मानता हूं कि वह सभी को साथ लेकर चलेंगे। नरेश चौहान ने कहा कि लोकसभा चुनाव हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए एक चुनौती भी है और एक मौका भी क्योंकि बीजेपी सरकार का पूरा संघीय ढांचा प्रदेश में काम कर रहा है और बीजेपी में अपने ही सरकार से बड़े स्तर पर नाराजगी चल रही है जिसका लाभ कांग्रेस पार्टी को इन चुनावों में पक्के तौर पर मिलने जा रहा है ।
चौहान ने सरकार पर आरोप लगाया कि कभी गोवंश के नाम पर और कभी मंदिर के नाम पर इनकी राजनीति प्रदेश में और देश में चल रही है। लेकिन न तो इनसे मंदिर बन पाया और न ही गौवंश के लिए कोई पक्का समाधान। यह सरकार न सिर्फ हिमाचल बल्कि पूरे देश में कर पाए। और आज प्रदेश का हर किसान और बागवांन आवारा पशुओं से परेशान नजर आ रहा है । उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी सरकार आई तो निचले हिमाचल में भी बंदरों को लेकर गई और आज जिन क्षेत्रों के लोगों ने कभी बंदर नहीं देखे थे वहां पर बंदरों के बड़े-बड़े झुंड आसानी से देखने को मिल जा रहे हैं। उसी तरह यह सरकार आई तो आवारा पशुओं को लेकर आई।
उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर कहा कि चुनावी प्रक्रिया पार्टी के भीतर समय पर शुरू हो गई है। जिस तरह से हाईकमान ने बंद लिफाफा में नेताओं से सुझाव मांगे हैं उससे हम यह समझते हैं कि जल्दी ही प्रदेश में उम्मीदवारों के चयन और नामों की घोषणा हो सकती है।