प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय सऊदी अरब की यात्रा पर रियाद पहुंच चुके हैं। वह सोमवार की देर रात सऊदी अरब के दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। सऊदी अरब के बहु-चर्चित सालाना वित्तीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य देशों के नेता भाग लेंगे। मंगलवार से शुरू हो रहे इस तीसरे सम्मेलन 'फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम का उद्देश्य खाड़ी देश को तेल आधारित अर्थव्यवस्था को विविध रूप देने में मदद के लिये विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है। प्रधानमंत्री मोदी दो दिन की यात्रा पर सोमवार देर रात रियाद पहुंचे।
बता दें कि मोदी 29 अक्टूबर रात को दिल्ली लौट आएंगे। वह सम्मेलन में 'भारत के लिये आगे क्या? विषय पर एक सत्र को संबोधित करेंगे। इस मंच को 'मरुभूमि में दावोस कहा जाता है। रवाना हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि रणनीतिक भागीदारी परिषद् की स्थापना से दोनों देशों के बीच संबंधों में और मजबूती आएगी।
मंच को संबोधित करने के अलावा वह सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और युवराज मोहम्मद बिन सलमान के साथ मंगलवार को द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। दोनों पक्ष तेल एवं गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा नागर विमानन क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। तीन दिवसीय 'फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम में सरकार, उद्योगपति और वित्त पोषक भाग लेंगे। बैठक में वैश्विक व्यापार और उसकी प्रवृत्ति पर चर्चा के साथ आने वाले दशकों में वैश्विक निवेश परिदृश्य को लेकर अवसर और चुनौतियों पर बातचीत की जाएगी।
बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार तथा दामाद जेरेड कुशनेर भी शामिल होंगे। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान भी लगातार दूसरी बार शामिल होंगे। हालांकि सम्मेलन में खान के शामिल होने के बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है। वैसे सऊदी अरब, पाकिस्तान का मित्र देश है।
बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे के दौरान ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े समझौतों के अलावा नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में सऊदी अरब के निवेश को भी अंतिम रूप दिया जा सकता है। इतना ही नहीं, इस दौरे में वर्कर्स वेलफेयर से जुड़े मुद्दों पर भी बात हो सकती है।