<p>हिमाचल की चुनावी सरगर्मियों के बीच बड़े नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। खासकर उन नेताओं ने जिन्हें अपने आने वाली पीढ़ी को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपनी है। इसी सिलसिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्र सुखराम अपने बेटे और पौते को लेकर चिंतित हैं।अपनी राजनीति की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए और मौजूदा चुनाव में टिकट दिलवाने के लिए दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। </p>
<p>मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी अपनी विरासत को लेकर चिंतित हैं। हालांकि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार हैं लेकिन बेटे विक्रमादित्य के भविष्य को लेकर कुछ ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने अपने बेटे को शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ाने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन हाईकमान ने इस पर अपनी आखिरी मुहर नहीं लगाई है।</p>
<p>राजनीति में अपने बच्चों के भविष्य के लिए वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी भी चिंतित हैं। बेटे अमित भरमौरी को टिकट दिलवाने के लिए ठाकुर साहब भी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसी तरह और भी कई नेता है जो अपनी राजनीति की विरासत इन विधानसभा चुनाव में अपने बच्चों को सौंपना चाहते हैं लेकिन इन सब का भविष्य कांग्रेस हाईकमान ही करेगा। अब इंतजार उस फाइनल लिस्ट का है जिससे ये साफ होगा कि कौन पुत्र अपने पिता की विरासत संभालने जा रहा है।</p>
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