बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने हमेशा राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए देश में विभिन्न प्रकार के बांधों के निर्माण के लिए अपनी उपजाऊ भूमि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार और राजस्थान सरकार के राहत और पुनर्वास अधिकारियों की एक समन्वय समिति गठित की जाए ताकि हिमाचल प्रदेश के पौंग बांध विस्थापितों के पुनर्वास के लिए लम्बित मामलों का समयबद्ध समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय उच्च समिति भी गठित की जाए।
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी ने केन्द्र सरकार से 5 हेक्टेयर तक की वन भूमि के लिए वन स्वीकृतियां प्रदान करने का अधिकार राज्य सरकार को देने का आग्रह किया ताकि लघु कल्याणकारी योजनाएं समय पर पूरी हो सकें और प्रदेश का विकास वन स्वीकृतियों में देरी से बाधित न हो। युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त रणनीति बनाई है, जो नशे से निपटने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि केन्द्रीय एजेंसियां सभी राज्यों के साथ नशे के व्यापार से संबंधित जानकारी सांझा करें। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा पर स्थित जिलों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर प्रदेश में नशे के व्यापार पर निगरानी रखी जा सकती है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चंडीगढ़ में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (एनजैडसी) की बैठक में भाग लेते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 में संशोधन कर हिमाचल प्रदेश को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) परियोजनाओं में पूर्णकालिक सदस्य बनाया जाए ताकि लम्बित मामलों का शीघ्र निपटारा किया जा सके। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में की गई इस बैठक में विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उत्तरी क्षेत्र के मंत्रियों, भारत सरकार और उत्तरी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था ।