हिमाचल चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय आध्यक्ष अमित शाह की जुगलबंदी ने प्रदेश में कमल खिला कर ये साबित कर दिया कि बीजेपी हर चुनाव को संजीदगी से लेती है। हर चुनाव में बीजेपी एक नए रणनीति के साथ उतरती है ।हिमाचल में कमल खिलाने के लिए दोनों ने कड़ी मेहनत की। ताबड़-तोड़ रैलियां कर लोगों में ये विश्वास कायम करने में कामयाब रहे कि बीजेपी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है,जो हिमाचल को तरक्की की राह पर ले जा सकती है।हिमाचल की जनता ने बीजेपी की नीतियों पर विश्वास किया और जिसका नतीजा ये रहा की बीजेपी हिमाचल में 44 सीट जीतने में कामयाब रही और कल यानी 27 दिसंबर को बीजेपी जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है।इन चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस को हरा कर सत्ता हासिल की है
तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुजरात फतेह करने में व्यस्त रहे ,जिसका नतीजा ये हुआ कि गुजरात तो गया साथ ही हिमाचल भी हार गए। इन चुनावों में दिल्ली से आए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में वो आक्रामकता नहीं दिखी जो उन्होंने गुजरात में दिखाई
अब कांग्रेस ने हिमाचल में हार की समीक्षा करने का फैसला किया है।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हार की समीक्षा करने के लिए 29 दिसंबर को हिमाचल में एक दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान राहुल गांधी हार की समीक्षा बैठक दो सेशन में करेंगे, जिसमें पहली बैठक सुबह साढ़े 10 बजे शिमला के राजीव गांधी भवन में होगा। बैठक में सभी कांग्रेस उम्मीदवार, जिला अध्यक्ष औऱ तमाम नेता मौजूद रहेंगे। इसके बाद बैठक का दूसरा सेशन 1 बजे से 3 बजे तक चलेगा जिसमें कार्यकारिणी के सभी सदस्य हिस्सा लेंगे।
इसके अलावा ब्लॉक अध्यक्ष और फ्रंटल ऑरगेनाइजेशन के अध्य़क्ष भी शामिल रहेंगे। गौर रहे कि पहले राहुल गांधी 26 यानी आज हिमाचल आने वाले थे, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते वे नहीं आ पाए।