बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने प्रदेश के पूर्व में रहे प्रदेश अध्यक्षों से मिलने का क्रम शुरू करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती से दो दिनों में मुलाकात कर बीजेपी के कार्य विस्तार के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।
अपने दो दिवस के प्रवास कार्यक्रम के दौरान प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल 24 जनवरी, 2020 को पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल से शिष्टाचार भेंट करेंगे। 25 जनवरी, 2020 को बिंदल पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शांता कुमार से और दोपहर बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती जी ऊना में मुलाकात करेंगे।
बिंदल ने हिमाचल दिवस की पूर्व संध्या पर समस्त हिमाचलवासियों को दी बधाई
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने प्रदेशवासियों को पूर्ण राज्यत्व दिवस और गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। हिमाचल की संस्कृति, पहाड़ की सरलता को आगे बढ़ाने का एक सुअवसर प्राप्त हुआ। इन वर्षों में हिमाचल अनेक मामलों में अग्रणी राज्य बना है। हिमाचल का व्यक्ति स्वभाव से मेहनती, ईमानदार व कर्तव्य निष्ठ है । इस कारण उसने अपनी पहचान देश व दुनियाभर में बनाई है।
हिमाचल के डॉक्टर हिमाचल के इंजीनियर, हिमाचल के प्रशासनिक अधिकारी, हिमाचल के सांईटिस्ट, हिमाचल के राजनेता व हर क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति ने देश व दुनियाभर के विभिन्न स्थानों पर अपने आपको स्थापित किया है। आज समय आ गया है जब हिमाचल प्रदेश की मानव संसाधन संपदा का उपयोग करते हुए हिमाचल के विकास में उन्हें भागीदार बनाया जाए। प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते हुए हिमाचल को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाना होगा। रोजगार के नए-नए अवसर तलाशने होंगे। किसान-बागवान की आय बढ़ाने का सक्षम सफल प्रयास करना होगा। इस दिशा में वर्तमान जयराम ठाकुर जी की सरकार सफल प्रयास कर रही है।
बिन्दल ने गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि देश की एकता व अखण्डता को मजबूत करने के लिए जो मोदी सरकार ने धारा 370 को हटाने का काम किया है वह राष्ट्रहित का सर्वोपरि कार्य है। दो विधान, दो निशान समाप्त कर कश्मीर से कन्याकुमारी एक है, का स्पष्ट संकेत दिया है।