प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व सांसद कृपाल परमार ने कहा कि आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी सूरत में पार्टी नहीं छोड़ेंगे बल्कि पार्टी में रहकर उन लोगों को बेनकाब करेंगे जो पार्टी के खिलाफ कार्य करते आये हैं।
कृपाल परमार ने कहा कि पिछले 4 वर्षों से सुनियोजित ढंग से वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में सरकार और संगठन दोनों को सबूत सहित शिकायत दी गई लेकिन उन पर कारवाई करने की बजाय उन्हें और मजबूत कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि फतेहपुर में जो कुछ भी हुआ वह उन्होंने एक कर्मठ कार्यकर्ता के तौर पर निभाया। फिर चाहे वह टिकट देने का मामला हो या चुनाव लड़ने का मसला हो। उन्होंने कहा कि सब सहने के बाद भी उन्हें जलील करने के लिए तरह तरह के हथकण्डे अपनाए जा रहे हैं।