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पीएम के सपने देखने वाले राहुल गांधी की नागरिकता ही संदेह के घेरे में: सत्ती

पी. चंद |

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सत्तपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के सपने देखने वाले राहुल गांधी की नागरिकता ही संदेह के घेरे में आ गई है। यदि यह सच है तो वे पीएम बनना तो दूर एमपी तक नहीं बन सकते। भारत का कानून विदेशी नागरिक को वोट देने या कोई भी चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं देता। साथ ही प्रधानमंत्री पर सुप्रीम कोर्ट के हवाले से झूठी टिप्पणी के अवमानना मामले पर वे सज़ा के डर से माफी मांगने पर मजबूर हुए हैं। अभी तक वे खुद को न्यायपालिका से ऊपर समझ रहे थे। वास्तव में वे झूठ बोलने की मशीन बन गए हैं।

सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में एक कम्पनी के निदेशक होने के नाते दस्तावेज़ों में खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित करते हैं और साथ ही भारत में लोकसभा का चुनाव भी लड़ते हैं। उन्हें अब खुद को भारतीय नागरिक साबित करने में मुश्किल पेश आएगी। उन्होंने कहा कि कंद्रीय गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को इस बारे में नोटिस जारी करके 15 दिनों के भीतर तथ्य स्पष्ट करने को कहा है। यह देश में अपनी तरह का दूसरा मामला है जब खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताने वाला नेता नागरिकता के झमेले में फंस गया है। इससे पहले उनकी मां सोनिया गांधी की नागरिकता पर भी बवाल होता रहा है।  

उन्होंने कहा कि बार-बार झूठ बोलना राहुल गांधी की फितरत में है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी। जबकि भाजपा की अदालत की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के दावे का खंडन करते हुए कहा था कि उसने मोदी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की। इसके बाद राहुल गांधी खुद को न्यायपालिका से ऊपर समझने के कारण सुप्रीम कोर्ट से माफी न मांगने पर अड़े हुए थे। सिर्फ सजा के डर से, सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद, उन्होंने अदालत से माफी मांगी।

सत्ती ने कहा कि झूठ पर झूठ बोलने के बाद सुप्रीम कोर्ट से लताड़ खा कर भी राहुल गांधी को सद्बुद्धि नहीं आएगी। उनकी पूरी राजनीति झूठ पर टिकी है। उन्होंने कहा कि राहुल दावा किया था कि केंब्रिज युनिवर्सिटी से उन्होंने एमफिल की डिग्री विकास अर्थशास्त्र विषय में की है। जबकि बाद में कहा कि उनकी एमफिल विकास अध्ययन विषय में है। उसी वर्ष कैंब्रिज से “राउल विन्सी“ नामक किसी विद्यार्थी ने इसी विषय में एमफिल की डिग्री प्राप्त की थी। सवाल यह है कि राहुल गांधी और राउल विन्सी एक ही व्यक्ति है या अलग-अलग? ऐसा लगता है कि राहुल गांधी विदेशों में किसी और नाम से जाते हैं।