हिमाचल प्रदेश में एससी, एसटी एक्ट को 10 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। इस एक्ट को लेकर किसी भी तरह का विरोध नहीं हुआ। लेकिन, विधानसभा में जब इस एक्ट को लेकर चर्चा चल रही थी तो उस समय सरकार के मंत्री डॉ राजीव सैजल ने बताया कि वह भी एक बार ऐसी परिस्थिति का सामना कर चुके हैं। जब उन्हें मंदिर में जाने नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि कैसे इस तरह की परंपराएं अभी भी हिमाचल प्रदेश में चल रही हैं। हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में आज भी नियमों को कड़ाई से लागू किया जा रहा है। उन्होंने अपने निजी अनुभव को विधानसभा में रखा। जिसमें उन्होंने अपना और एक अन्य विधायक का उदाहरण अपने भाषण के दौरान दिया।
गौरतलब है कि आज भी हिमाचल प्रदेश में बहुत से ऐसे देवी देवताओं के मंदिर हैं। जहां पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को जाने नहीं दिया जाता है। इस बात की पुष्टि खुद सरकार में मंत्री ने की। हालांकि, सरकार की तरफ से और न्यायालय की तरफ से भी ऐसे आदेश है कि इस तरह से किसी भी मंदिर में जाने से किसी श्रद्धालु को रोका नहीं जा सकता है। उसके बावजूद आज हिमाचल में भेदभाव हो रहा है