बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने विश्वविद्यलयों में फ्रजी डिग्री मामले की जांच शुरू कराने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बधाई दी है। शांता ने कहा कि शुरूआती जांच में गंभीर आरोप सिद्ध होते दिखाई दे रहे हैं। यूजीसी के अनुसार पिछले सात सालों से पांच लाख फर्जी डिग्रियां बेचने की बात हिमाचल के माथे पर एक काला धब्बा हैं।
उन्होंने कहा है कि इस मामले का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि डिग्रियां सात साल से बिक रही थी और 2017 में इस संबंध में कुछ शिकायतें भी हुई थी। इतना ही नहीं उस समय प्रदेश के सचिव शिक्षा द्वारा इसकी लिखित रूप से पुलिस को रिपोर्ट भी की थी। सरकार के वे अधिकारी जो शिकायतें मिलने के बाद भी पूरे तीन साल सोये रहे वे और भी अधिक अपराधी है। यदि 2017 में ही इस अपराध को दवा दिया जाता तो यह नौवत न आती। उस समय चुप रहने वाले अधिकारी या तो बिलकुल निकम्मे हैं या फिर महाभ्रष्ठ । उनके विरूद्ध अतिशीघ्र कार्यवाही हो। उसके बिना यह सारी कार्यवाही अधूरी होगी।
शांता कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में 22 विश्वविद्यालय हैं। एक जिला में आठ और एक पंचायत में तीन। भारत में कहीं भी एक जिला और एक पंचायत में इतने विश्वविद्यालय नहीं होंगे। छोटे से प्रदेश में 60 नर्सिग कालेज हैं। 70 के लगभग बी.एड. कालेज हैं और सकैड़ों की संख्या में अन्य प्राईवेट संस्थाएं हैं। इनमें बहुत सी संस्थाओं में न तो पूरा स्टाफ है और न ही अन्य सब सुविधाएं है। कुछ नर्सिग कालेज की हालत तो बहुत ही खराब है।
उन्होने ने सरकार से यह मांग की है कि सभी निजि संस्थाओं का अतिशीघ्र पूरा निरीक्षण करवाया जाएं। उसके लिए कुछ विशेष जांच समितियां बनाई जाए। उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल के शिक्षा के मन्दिरों में यह अपराध प्रदेश के माथे पर एक कलंक है। उन्हें विश्वास है कि सरकार इसे पूरी तरह साफ करेगी।