वन मंत्री राकेश पठानिया ने सोमवार को वन विभाग के अलग-अलग कार्यक्रमों का शिलान्यास किया। यह शिलान्यास इसलिए चर्चा का विषय बन गया क्योंकि वहां पर दो पत्रिकाओं पर कैबिनेट मंत्री सरवीन चौधरी का नाम तो जरूर था लेकिन वह कार्यक्रम में अपने निजी कारण के चलते उपस्थित नहीं हो पाई थी। लेकिन पट्टिकायों पर उनकी उपस्थिति की बात लिखी गई है ।
यहीं से सारा विवाद शुरू हुआ और इसको लेकर शाहपुर के मंडल अध्यक्ष प्रीतम चौधरी और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दीपक अवस्थी ने आपत्ति करते हुए कहा कि हमें इस कार्यक्रम की कोई भी जानकारी न तो विभाग की तरफ से दी गई थी और न ही सरकार की तरफ से दी गई थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के विकासात्मक कामों की का श्रेय लेने का जरूर प्रयास सभी लोग करते हैं लेकिन उसकी जानकारी अगर विधानसभा के लोगों को भी नहीं होगी तो उस शिलान्यास और उद्घाटन का क्या फायदा ।
उन्होंने कहा कि मंत्री की उपस्थिति की पट्टीका लगाकर काम नहीं चलता था संबंधित मंत्री जो विधायक भी है को चाहिए था कि वह अभी थोड़ा इंतजार करते और जब सरवीण चौधरी अपने निजी काम से वापस चंडीगढ़ से शाहपुर वापस आती उसके बाद उनके विधानसभा का जो विकासात्मक कार्य जिसका उद्घाटन या शिलान्यास मंत्री द्वारा आज किया गया है उसको करते तो ज्यादा सही रहता और सरकार का एक संदेश भी जनता में जरूर जाता ।
इस तरह से पिछले कल ज्वालाजी और आज शाहपुर से भाजपा कार्यकर्ताओं की यह नाराजगी कहीं ना कहीं भाजपा की परेशानियां कम से कम कांगड़ा जिला में तो लगातार बढ़ती नज़र आ रहे हैं और पार्टी के भीतर जिस तरह से अपनी अपनी चलाने और बजूद की लड़ाई चल रही है वह अब सामने दिखाई देने लगी है। यहां ये भी कहा जा सकता है की पार्टी के अब गुट सामने दिखने लगे हैं। बड़ी बात ये भी है कि ये आग कांगड़ा से भड़कने लगी है लेकिन नुकसान तो मुख्यमनंत्री की छबि का ही हो रहा है ।