मुद्दा विहीन विपक्ष द्वारा देश विरोधी ताकतों के प्रभाव में तथ्य हीन आरोप लगाकर संसद की स्वस्थ परंपराओं को तोड़ना बेहद शर्मनाक है। मॉनसून सत्र के प्रारंभ में संसद में हुए विपक्ष के हंगामे पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि विघटनकारी और अवरोधक देश विरोधी ताकतों को भारत का आत्मनिर्भर बनते हुए विकास की राह पर आगे बढ़ना रास नहीं आ रहा है।
संसद सत्र की कार्यवाही को निर्बाध और निर्विघ्न संपन्न कराने में योगदान देने के बजाय उसमें बाधा डालकर विपक्ष अस्थिरता और अराजकता का माहौल पैदा करना चाहता है। देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मानसून सत्र से ठीक पहले एक रिपोर्ट कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया गया है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने प्रोपोगेंडे के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित किया जाए। इसी आधार पर सारा हंगामा किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के विस्तार में देश के हर कोने से, समाज के हर वर्ग विशेषकर महिलाओं, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग से चुनकर आए सदस्यों को प्रधानमंत्री के द्वारा विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया। लेकिन, कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं जो मोदी जी द्वारा महिलाओं और समाज के पिछड़े औरवंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं।
जब प्रधानमंत्री जी लोकसभा और राज्यसभा में अपने नये मंत्रिपरिषद का परिचय कराने के लिए उठे, जो संसद की एक पुरानी व समृद्ध परंपरा है, तो कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेताओं ने दोनों सदनों के वेल में आकर सदन की कार्यवाही की बाधित कर संसद की स्वस्थ और सालों पुरानी परम्पराओं को तोड़ा है। सदन को बाधित कर जनता से जुड़े हुए ज्वलंत मुद्दों को संसद में न उठने देना आम नागरिक के अधिकारों को दबाने का एक कुप्रयास है, जो विपक्ष ने किया है।
पूर्व सीएम ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बना कर विश्व गुरु की राह पर अग्रसर करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है और इस लक्ष्य को हासिल करने में , विपक्ष सहित तमाम देश विरोधी ताकतों के किसी भी तरह के झूठे प्रोपोगेंडे से निपट कर मोदी सरकार आगे बढ़ती रहेगी। कुंठित विपक्ष की देश और सरकार को अस्थिर करने की कुत्सित मंशाएं कभी पूरी नहीं होंगी। जनता जनार्दन समय आने पर उन्हें फिर से जवाब देगी।