प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने देश में लगातार हो रही रेप की घटनाओं को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने रेप जैसी घटनाओं के आरोपियों को तीन महीने के अंदर फांसी की सजा देने की मांग उठाई है। शांता कुमार ने अपने टवीटर अकाउंट पर एक के बाद एक 6 ट्वीट करते हुए लिखा है कि कुछ वर्ष पहले दिल्ली में निर्भया कांड उसके बाद लगातार बलात्कार के समाचार फिर हिमाचल के कोटखाई में गुड़िया कांड और अब हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर से शर्मनाक दरिंदगी -इन सब नवीन घटनाओं से एक मनुष्य के तौर पर मेरा मन ही नहीं आत्मा भी कांप रही है।
उन्होंने लिखा है कि एक भारतीयों के तौर पर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है और एक परिवारिक होने के कारण मैं भयभीत हो जाता हूं। कभी किसी ने सोचा नहीं था कि आजादी के 70 साल बाद हमें इतना अधिक लज्जित होना पड़ेगा। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि दिल्ली के निर्भया कांड के अपराधियों को फांसी की सजा हो गई थी। परंतु सरकारी गोरखधंधे के कारण सात साल से फांसी नहीं दी जा रही । पूरे देश में बलात्कार के मामले दोगुने हो गए परंतु केवल 25 प्रतिशत में ही सजा होती है।
शांता ने आगे लिखा है कि हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में गुड़िया कांड में हिमाचल के इतिहास में पहली बार गुस्से से भरी भीड़ ने पुलिस थाने को आग लगाई । डीआईजी तक के पुलिस के सात अधिकारी लंबा समय जेल में रहे । सीबीआई जांच करती रही । परंतु गुड़िया के साथ शर्मनाक दरिंदगी करने वाले अपराधी आज तक नहीं पकड़े गए। हैदराबाद की घटना के बाद सारा देश सड़क पर चिल्ला रहा है आंसू बहा रहा है । इतने दिन हो गए सरकार अभी तक चुप है मुझे इसकी भी हैरानी हो रही है । पारीस्थिति बहुत गंभीर हो गई है। लोगों का विश्वास उखड़ रहा है। सरकार अतिशीघ्र यह कार्रवाई करें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने देश के कानून को बदले की बात करते हुए लिखा है कि कानून बदले बलात्कार सिद्ध होने पर फांसी और केवल फांसी की सजा ही हो। तीन महीने में अपराधियों को सूली पर चढ़ाया जाए सारी कार्रवाई उससे पहले हो। फांसी देने की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग हो और उसे टीवी पर दिखाया जाए। योग और नैतिक शिक्षा को सबसे अनिवार्य विषय बनाकर शिक्षा में जोड़ा जाए।