कांग्रेस में 23 नेताओं के लिखे लेटर के बाद कांग्रेस में हुए घमासान पर पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चुटकी ली है। शांता कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा गांधी परिवार से ही बंधे रहकर आत्महत्या करने का निर्णय मेरे लिए एक बहुत बड़ी खुशख़बरी भी है और उससे भी बड़ी दुखखबरी भी है। वे बड़े धर्म संकट में हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा खुशी मनाउं या दुख।
उन्होंने कहा कि आज दूर दूर तक न तो भाजपा का विकल्प है और न ही प्रधानमंत्री मोदी का। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में हमारी पार्टी के सामने राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी नहीं है। एक मात्र राष्ट्रीय दल कांग्रेस विकल्प की क्षमता रखती है। लेकिन वह गांधी परिवार की गुलामी से बाहर निकलेगी नहीं। आज की परिस्थिति में इतने बड़े देश में कोई भी दूसरा दल पूरे भारत का सभी प्रदेशों का राष्ट्रीय दल नहीं बन सकता। हमारी पार्टी हमेशा के लिए एक मात्र सत्ताधारी दल रहेगी। भाजपा कार्यकर्ता के रूप में यह सोच कर बहुत ही प्रसन्नता हो रही है और सभी कार्यकर्ताओं को होती है।
शांता कुमार ने कहा परन्तु जब दल की दीवार से ऊपर उठकर राष्ट्र के मन्दिर में खड़ा होकर सोचता हूं तो बहुत ज्यादा दुखी होता हूं। कहीं भी लोकतंत्र स्वस्थ और सशक्त विपक्ष के बिना सफल नहीं हो सकता। लोकतंत्र के पक्ष और विपक्ष दो पहिये है औऱ दोनों आवश्यक हैं। सौभाग्य से आज आदरणीय मोदी नेतृत्व कर रहे हैं। बहुत कुछ ठीक चल रहा है लेकिन अच्छे और सशक्त विपक्ष के बिना हमेश के लिए अच्छा लोकतंत्र नहीं चल सकता।
शांता कुमार ने कहा कि कांग्रेस के जो 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोचा समझा काश वैसा अधिक नेता सोचते। सभी को सद्बुद्धि मिलती। भारत अंग्रेजों की गुलामी से 70 वर्ष पहले आजाद हो गया लेकिन देश की सबसे पुरानी बड़ी पार्टी अभी भी एक परिवार की गुलामी से आजाद नहीं हो सकी। भगवान कांग्रेस को सद्बृद्धि दें और भारत में एक स्वस्थ और सशक्त विपक्ष बने।