शिमला के समरहिल चौक में भगत सिंह और स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगाने को लेकर सियासत गरमा गई है । बुधवार को ABVP ने नगर निगम की महापौर का घेराव कर जल्द स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा लगाने और समरहिल चौक का नाम स्वामी विवेकानंद चौक रखने की मांग की थी। वहीं, वीरवार को नौजवान जनवादी सभा और SFI ने नगर निगम की महापौर कार्यालय में जमकर नारेबाजी की ओर 23 मार्च तक भगत सिंह की मूर्ति लगाने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा की यदि तय समय के भीतर नगर निगम भगत सिंह और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा नहीं लगती है तो नगर निगम कार्यालय मैं उग्र आंदोलन किया जाएगा।
अखिल भारतीय जनवादी नौजवान सभा के सचिव चंद्र कांत ने कहा कि पिछले कई वर्षों से समरहिल चौक पर भगत सिंह की मूर्ति लगाने की बात कर रहे हैं । 2015 में मूर्ति लगाने के लिए 9 लाख की राशि का प्रबधान भी किया गया है । लेकिन नगर निगम मूर्ति लगाने को लेकर आनाकानी कर रहा है । इस बारे में बीते महीने भी नगर निगम की महापौर को ज्ञापन सौंपा गया था और उन्होंने जल्द मूर्ति लगाने का आश्वसन दिया था ।
DYFI के सचिव चंद्रकांत ने कहा कि मूर्ति लगाने के लिए ABVP राजनीति कर रही है । उन्होंने कहा की भगत सिंह और स्वामी विवेकानंद की मूर्ती लगाने के लिए किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। क्योंकि ये दोनों वे शख्स हैं जिनके आदर्शों पर आज युवा चल रहा है। इस समय यदि इन दोनों महान लोगों के नाम पर राजनीति होती है तो ये दुखद है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि दोनों ही नेताओं की मूर्ति चौक पर लगाई जाए और चौक का नाम न बदला जाए ।