लोकसभा चुनावों को लेकर हिमाचल प्रदेश में भी घमासान शुरू हो चुका है। बीजेपी ने चारों सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी ने शिमला से धनीराम शांडिल और मंडी से आश्रय शर्मा की टिकट फाइनल कर दी है। कांगड़ा से हालांकि कांग्रेस ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है लेकिन ओबीसी से पवन काज़ल की टिकट पक्की मानी जा रही है।
शिमला लोकसभा सीट की बात करें तो यहां मुकाबला दो सेवानिवृत्त जवानों का है। जहां बीजेपी ने एयरफोर्स से सेवानिवृत्त पच्छाद के विधायक सुरेश कश्यप पर भरोसा जताया है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने सोलन के विधायक कर्नल धनी राम शांडिल पर दांव खेला है। शांडिल चौथी बार रिज़र्व शिमला लोकसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। दो बार पहले भी शांडिल शिमला के सांसद रह चुके हैं। जबकि बीदेपी के सुरेश कश्यप इसमें नए खिलाड़ी हैं।
टिकट मिलने के बाद शिमला पहुंचे धनीराम शांडिल ने बताया कि शिमला में सड़कों की दुर्दशा मुख्य मुद्दा है। सिरमौर का हाटी समुदाय पिछले लंबे समय से जनजातीय जाती के दर्जे की मांग कर रहा है। राष्ट्रीय मुददे भी चुनावों में उठेंगे क्योंकि केन्द्र ने पिछले पांच सालों में जनता को ठगा है। पैसे के लिए लाइन में खड़ा किया। जीएसटी से छोटे व्यापारियों को कंगाल बनाया। इस बार कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी और चारों सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
शांडिल टिकट मिलने के बाद कांग्रेस ऑफिस पहुंचे जहां उन्होंने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर से भी मुलाकात की। कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि बीजेपी में मंत्री अनिल शर्मा कांग्रेस में शामिल होने के लिए अपने विवेक से फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस को मंडी में काफी नुकसान उठाना पड़ा था। उनकी घर वापिसी से कांग्रेस का फायदा होगा। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम की जुगलबंदी भी पार्टी को मजबूती प्रदान करेगी।