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शिमला टाउन हॉल में करप्शन का रिपेयर!, उद्घाटन के दिन ही उख़ड़ी दिवारों की पपड़ी

पी. चंद, शिमला |

ब्रिटेनिया हुकूमत के ज़माने में बने शिमला के ऐतिहासिक टाउन हॉल की मुरम्मत का काम पूरा हो चुका है। 8 करोड़ से मुरम्मत के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री ने इसका उद्घाटन भी कर दिया। लेकिन, उद्घाटन होने के पहले दिन ही मुरम्मत के दौरान इस्तेमाल हुई घटिया सामग्री ने कई सवाल खड़े कर दिये। नगर निगम के पार्षदों ने भी बकायदा इसपर नाराज़गी जाहिर की और मुरम्मत के कार्य पर भी सवाल उठाए।

दरअसल, यहां हॉल में एक ओर जहां दिवारों की पपड़ी उख़ड़ी नज़र आई, वहीं बिजली का काम भी सही ढंग से नहीं किया गया है। यहां तक कि ये चीजें टाउन हॉल की शोभा पर भी दाग लगा रही हैं। इस संदर्भ में जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने माना कि अभी औऱ सुधार की जरूरत है। यानी 8 करोड़ की लागत में रिपेयर होने वाले टाउन हॉल के लिए अभी और खर्च हो सकता है।

वहीं, हॉल को नगर निगम के पास देने पर जयराम ठाकुर ने कहा कि फिलहाल कोर्ट में मामला चल रहा है और आख़िरी फैसला कोर्ट का ही होगा। शिमला एक पर्यटन क्षेत्र और इसी के मद्देनज़र कोई फैसला लिया होगा। याद रहे कि नगर निगम शिमला लगातार इस हॉल पर कब्जा ज़माने के हाथ-पांव मार रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ये संपत्ति नगर निगम शिमला के नाम पर है। लेकिन, पर्यटन विभाग की नज़र भी इस भवन पर है क्योंकि पर्यटन विभाग ने ही इसके जीर्णोद्धार का कार्य करवाया है…।। आगामी 13 दिसंबर को कोर्ट में इसकी सुनवाई होनी है, जिसके बाद पता चल पाएगा कि इसे किसे दिया जाएगा।

'क्या काम होगा' बना सस्पेंस

उधर, अभी तक ये भी तय नहीं हो पाया है कि इस भवन में क्या काम होगा। हालांकि, हाईकोर्ट में फैसला लंबित हैं लेकिन 4 साल तक जीर्णोंद्धार के कार्य के बाद अभी तक ये तय नहीं हो पाया है ये इसमें क्या काम होगा। उम्मीद की जा रही है कि 13 दिसंबर को कोर्ट के फैसले के बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। वैसे शिमला की जनता यहां बुक्स क्लेक्शन आदी रखने सुझाव दे चुकी है।

1908 में बना था टाउन हॉल

शिमला का ऐतिहासिक टाउन हॉल एक प्रसिद्ध विरासत इमारत है, जिसका निर्माण सन् 1908 में ब्रिटिश हुकूमत ने करवाया था। 110 साल पुराने इस टाउन हॉल का डिजाइन स्कॉटलैंड के आर्किटेक्ट जेम्स रेंजैम ने बनाया था। लेकिन रखरखाव के आभाव और शिमला नगर निगम की अनदेखी के चलते यह भवन जर्जर हो गया। ये भवन शहर के नगरपालिका भवन के रूप में सेवारत रहा। यह इमारत जो मॉल रोड पर स्थित है औपनिवेशिक वास्तुकला की गौरवमयी शैली का अद्भुत नमूना है।