ग्रामीण विकास एवं पंचायती मंत्री राज वीरेंद्र कंवर ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान विपक्ष का कोई सकारात्मक योगदान नहीं है। कांग्रेस के नेता आपस में सोशल डिस्टेंसिंग अभियान छेड़े हुए हैं और उनकी आपसी फूट हिमाचल प्रदेश की जनता के बीच खुलकर सामने आ गई है। लंच डिप्लोमेसी इसका सबसे ताजा उठाहरण है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में कोरोना से निपटने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं, यही वजह है कि राज्य में कोरोना संक्रमण सामुदायिक स्तर तक नहीं पहुंच पाया। कोरोना की रोकथाम के लिए हिमाचल मॉडल की चर्चा पूरे देश में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सराहना कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं को इस महामारी के फैलाव में प्रदेश सरकार का सहयोग करना चाहिए, लेकिन दुख का विषय है कि विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में असफल हुआ है।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन उद्योग स्थानीय निवासियों को रोजी-रोटी प्रदान करने वाले सबसे बड़े सेक्टर में से एक है। इसीलिए प्रदेश सरकार ने एसओपी जारी कर पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश में आने की अनुमति प्रदान की है तथा अभी तक एक भी पर्यटक कोरोना लेकर राज्य में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में फंसे हिमाचलियों को घर वापस लाने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रबंध किए तथा उन्हें वापस अपने राज्य पहुंचाया गया है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि बाहर से आए कुछ लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की समय रहते की गई टेस्टिंग, उचित प्रबंधन तथा सही इलाज से कोरोना प्रभावित स्वस्थ हो रहे हैं। इसीलिए हिमाचल प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर देश की औसत से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 63 प्रतिशत है, वहीं हिमाचल प्रदेश में यह दर 70 प्रतिशत है। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि जब तक कोरोना का वैक्सीन तैयार नहीं होता है, तब तक यह वायरस हम सब के साथ ही रहेगा। अतः आवश्यक है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी होने वाली गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित किया जाए और सभी इस महामारी के प्रभाव से बचें।