प्रदेश कांग्रेस पार्टी के दो नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें आजकल तेज हो गईं है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि कांग्रेस के दो नेता बीजेपी में शामिल होने की तैयारी कर चुके हैं । सूत्रों के अनुसार दोनों ही चेहरे राजा वीरभद्र सिंह के काफी करीबी माने जाते हैं। जब भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तब इनमें एक नेता शिमला में तो दूसरा मंडी में पूरे सरकारी तंत्र के साथ नज़र आता रहा है।
लेकिन, समय की नजाकत को समझते हुए अब कांग्रेस के यह नेता बीजेपी का रुख करने जा रहे हैं। जिनमें अगर हम सबसे पहले नाम की बात करें तो वह धर्मपाल सिंह खांडा का है जो कि शिमला शहरी से संबंधित है। उन्होंने अपने राजनीतिक दौर में कांग्रेस पार्टी के ना सिर्फ प्रमुख पदों पर काम किया है बल्कि इसके साथ ही शिमला की राजनीति में हमेशा ही अपनी दबंग छवि के कारण चर्चित चेहरा भी रहे हैं।
धर्मपाल से जब 'समाचार फर्स्ट' की बात हुई तो उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में सम्मान नहीं वहां पर लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि छात्र राजनीति से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी के साथ ही उन्होंने काम किया है। लेकिन अब समय बदल चुका है और पार्टी में अब चेहरों की पहचान नेताओं को कम होती जा रही है। इसलिए विकल्प ढूंढें जा रहे हैं ।
वहीं, मंडी की बात करें तो मंडी से एक तरह से कहा जाता है कि वीरभद्र सिंह के बिल्कुल घर का यह चेहरा है। जिसने लोकसभा चुनावों के समय भी अपनी टिकट की दावेदारी की थी और बताया यह जा रहा है कि चुनावों के दौरान ही उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से हुई थी। आज उनकी जयराम ठाकुर से नजदीकियां बीजेपी के अंदर भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
सूत्रों की माने तो मंडी से इस नेता को जयराम सरकार में ना सिर्फ महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है बल्कि मण्डी सदर से बीजेपी का टिकट भी पक्का माना जा रहा है। ऐसे में एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर पार्टी को सशक्त करने के बाद मीडिया में कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ युवा चेहरों का पार्टी से मोह भंग हो जाना अपने आप में ही पार्टी को मुश्किल में डालता नजर आ रहा है ।
अब देखना यह है कि यह दोनों चेहरे कब बीजेपी में शामिल होते हैं। माना यह जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्तर पर मंडी से कांग्रेसी नेता की बात लगभग तय हो चुकी है। शिमला से धर्मपाल की जल्द ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ इस विषय को लेकर मुलाकात हो सकती है।
वहीं, उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इन दोनों नेताओं को पार्टी में शामिल कर अपने कद का एहसास एक बार फिर पार्टी को करवा सकते हैं।