प्रश्नकाल के बाद शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने विधायक निधि के पैसे से पांवटा प्रशासन ने एडवांस में ही अप्रैल 2019 के चेक कैसे दे दिए। मेरे विधायक निधि के 24 लाख पेंडिंग है उसको भी खत्म करते कि कोशिश की जा रही है क्यों?
मुख्यमंत्री ने इस पर सफ़ाई दी है कि ये क्लेरिकल और टाइपिंग मिस्टेक है। ये डीसी ने माना है इसको दुरुस्त किया जाएगा। बाकी विधायक निधि के पैसे को भी नियमों के मुताबिक़ ही ख़र्च करने की इजाज़त है।
इस पर बीच-बीच में विपक्ष हंगामा भी करता रहा। विपक्ष के नेता ने भी कांग्रेस के विधायक के साथ हो रहे भेदभाव का मामला उठाया और कहा कि सरकार कांग्रेस के विधायकों के साथ हर स्तर पर भेदभाव कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी सदन में कहा कि ये जो परम्पराएं बीजेपी शुरू कर रही सही नहीं है। इस गड़बड़झाले में सभी शामिल हैं। बीजेपी शिलान्यास और योजनाओं पर भी कांग्रेस से भेदभाव कर रही है।
इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ये परम्पराएं कांग्रेस ने ही डाली हैं। जब वह विपक्ष में थे तो उनकी भी यही पीड़ा थी। सरकारें बदलती हैं तो काम जब पूरे होते हैं तो वर्तमान सरकार ही उद्घाटन करती है। उद्धघाटन और शिलान्यास में कांग्रेस सरकार बीजेपी के विधायकों के नाम हटा कर हारे हुए कांग्रेसियों के नाम लगाए गए। यहां तक कि पट्टिकाओं के पत्थर घन से तोड़े गए।
इस के बीच विपक्ष ने विधायकों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अध्यक्ष से विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर निर्णय देने की मांग उठाई। जिस पर अध्यक्ष ने कहा की नोटिस सदन की कार्यवाही के बीच ही दिया है और विचाराधीन है। जिस पर नियमानुसार व्यवस्था दी जाएगी। लेकिन विपक्ष नोटिस के ऊपर निर्णय पर अड़ गया। दोनों तरफ से तीखी नोंकझोंक हुई। नाराज़ विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।