पहाड़ी प्रदेश हिमाचल की आर्थिक स्थिति किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश 50 हज़ार करोड़ से ज़्यादा कर्ज के तले दबा पड़ा है। ये कर्ज़ लगातार बढ़ रहा है। लेकिन किसी को चिंता नहीं। प्रदेश के मुखिया पर हवाई उड़ान में मस्त रहने के आरोप लगते हैं। जबकि, मंत्री और अफ़सर विदेशी यात्राओं में ज्यादा रहते हैं। पिछले दो सालों में दर्जनों अफ़सर सरकारी खर्चे पर विदेशी यात्राएं कर चुके हैं। मंत्रियों का भी यही हाल है। मंत्री सरकारी खर्चों पर अपनी पत्नियों तक को विदेश ले जा रहे हैं, लेकिन, सवाल करने वाला कोई नहीं।
इन विदेशी यात्राओं का प्रदेश को क्या मिला इसका जबाब किसी के पास नहीं, तो क्या मंत्री और अफ़सर विदेश सिर्फ घूमने जाते हैं। कई अफ़सरों के लिए विदेश दूसरा घर ही बन गया है। जब भी पूछो पता चलता कि साहब विदेश में गए हैं। नगर निगम शिमला के नुमाइंदे तो जैसे हर माह विदेश यात्रा या देश की यात्रा पर होते हैं। शिमला के लिए क्या नया किया किसी के पास जबाब नहीं। लोगों के पानी, सीवरेज और टैक्स के बिल बढ़ रहे हैं । लेकिन माननीय विदेश यात्राएं कर रहे हैं।