Follow Us:

मंडी: पहले प्रत्याशी के संकेत से BJP में मचा सियासी घमासान

नवनीत बत्ता |

जब से मंडी से लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के पहले प्रत्याशी के संकेत मिले हैं तब से मंडी की सियासत में मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी प्रवक्ता अजय राणा द्वारा पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर सुखराम के समर्थक भड़क गए हैं। सुखराम समर्थकों ने अजय राणा को नसीहत देते हुए कहा कि वे अपना राजनीतिक कद देखकर बयानबाजी करें।

राणा के बयान पर सुखराम समर्थकों ने जताया ऐतराज

मंडी जिला बीजेपी के उपाध्यक्ष धर्मपाल ठाकुर, रमेश, खेम सिंह, रवि ठाकुर, सचिव चमन ठाकुर और हरीश ठाकुर ने जारी बयान में अजय राणा द्वारा पंडित सुखराम के खिलाफ की गई टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम, अनिल शर्मा और आश्रेय शर्मा बीजेपी के सदस्य हैं और यदि इनकी सदस्यता को लेकर किसी को कोई जानकारी चाहिए तो वह राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से संपर्क कर सकते हैं।

सुखराम समर्थकों का कहना है कि जब पंडित सुखराम और इनका परिवार बीजेपी में शामिल हुआ था तो उस वक्त बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतिम शाह ने इन्हें विश्वास दिलाया था कि बीजेपी में इनका पूरा मान सम्मान होगा। अमित शाह ने इस बात पर प्रसन्नता जताई थी कि हिमाचल का एक दिग्गज परिवार उनकी पार्टी में शामिल होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि या तो अजय राणा राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात नहीं मानते या फिर खुद को पार्टी का सदस्य नहीं मानते।

पार्टी के सभी सदस्यों को टिकट मांगने का अधिकार

याद रहे कि बीजेपी प्रवक्ता अजय राणा ने कहा था कि पार्टी के सभी सदस्यों को टिकट मांगने का अधिकार है, लेकिन आज कुछ ऐसे लोग भी पार्टी के टिकट की मांग कर रहे हैं, जो कि पार्टी के सदस्य तक नहीं। अजय राणा ने कहा कि बीजेपी की रीति-नीति और परंपराएं अलग हैं और यदि कोई इन्हें छेड़ने का प्रयास करेगा तो फिर उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

अजय राणा भी जता चुके हैं दावेदारी

पन्ना प्रमुख सम्मेलन में पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सांसद रामस्वरूप शर्मा को ईमानदार व्यक्ति बताते हुए कार्यकर्ताओं को उनके साथ चलकर पार्टी को जीत दिलाने की बात कही थी। सीएम जयराम ठाकुर ने भी सांसद की जमकर तारीफ की थी। जिसके बाद इस सीट के दावेदारों में जुबानी जंग छिड़ गई है। इस सीट से बीजेपी प्रवक्ता अजय राणा भी दावेदारी जता चुके हैं और पंडित सुखराम अपने पोते आश्रय शर्मा के नाम की पैरवी कर चुके हैं।