विधायकों के यात्रा भत्ते में सबसे ज्यादा किसी की फजीहत हुई है तो वह है कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, पहले विधानसभा के अंदर यात्रा भत्ते का समर्थन सुक्खू की किरकिरी कर रहा है। यात्रा भत्ते में की गई बढ़ौतरी पर हो रहे विरोध पर कांग्रेस विधायक सुखविंदर सुक्खू ने सरकार पर ही निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र में विधायकों के वेतन-भत्तों में कोई इज़ाफा नहीं किया गया है।
उन्होंने पूछा कि ऐसे में सरकार आखिरकार किन मंसूबों को पूरा करने के लिए विधायकों की छवि दागदार करने पर तुली हुई है। पूरे प्रदेश में इस समय वेतन-भत्तों में बढ़ौतरी का मुद्दा ही गर्माया हुआ है। सरकार की ओर से भी पूरे मामले में ग़लत बयानबाजी की जा रही है। सत्र में तो सिर्फ विधायकों का यात्रा क्लेम बढ़ा है। उसकी लिमिट पहले ढाई लाख रुपये थी, जिसे चार लाख किया गया है। वह भी हिमाचल की सीमा से बाहर यात्रा करने पर क्लेम करने की स्थिति में ही मिलेगा।
सुक्खू ने कहा कि यात्रा क्लेम अधिकांश विधायक लेते ही नहीं हैं इसलिए इसमें वृद्घि कोई मुद्दा ही नहीं है। यह क्लेम उसी तरह का है, जैसे सरकारी कर्मचारियों को यात्रा करने पर एलटीसी मिलती है। इसके अलावा कोई वेतन-भत्ता विधायकों का नहीं बढ़ा है। फिर सरकार इस मुद्दे को खत्म क्यों नहीं करा रही। सरकार के मुखिया के नाते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपने वक्तव्य में जनता के सामने स्थिति आंकड़ों के साथ स्पष्ट करनी चाहिए कि विधायकों के वेतन-भत्ते कब से नहीं बढ़े हैं। उनका स्टे्टस किसके बराबर है और उन्हें वेतन कितना मिलता है और खर्चे कितने होते हैं। सरकार असलियत जनता के सामने लाए।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ विधायक बढ़े हुए यात्रा क्लेम न लेने की बात कह रहे हैं। ऐसे में उन विधायकों को अपना वेतन और सभी तरह के भत्ते भी छोड़ने चाहिए क्योंकि यात्रा भत्ते का भी 68 में से 60 ही विधायक लेते हैं।