हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान से वीरवार को प्रदेश सचिवालय में मुलाकात की। उन्होंने धीमान के समक्ष जोलसप्पड़ मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू न होने का मामला जोरशोर से उठाया। सुक्खू ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का नींव पत्थर दो साल पहले रखा गया था। उसके बाद से आज तक एक भी ईंट निर्माण के नाम पर नहीं लगी। मेडिकल कॉलेज राजनीति का शिकार हो रहा है।
उन्होंने धीमान से जल्दी प्रशासनिक एवं अन्य भवनों का निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की। साथ ही बताया कि मेडिकल कॉलेज के निर्माण में देरी होने से आम जनता बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है। हमीरपुर जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज को अस्थायी रूप से चलाया जा रहा है, जहां जनता को सभी सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सुक्खू को आश्वस्त किया कि वह मामले को सरकार के संज्ञान में लाकर जल्दी निर्माण कार्य शुरू कराने की कोशिश करेंगे।
सुक्खू ने कहा कि जयराम सरकार इसलिए मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू नहीं करा रही क्योंकि मेडिकल कॉलेज को उन्होंने पूर्व यूपीए सरकार में 4 मार्च 2014 को मंजूर कराया था। पहले तो बीजेपी इसे मंजूर कराने का श्रेय लेने में लगी रही, लेकिन बीते वर्ष विधानसभा में उन्होंने कॉलेज की स्वीकृति को लेकर सवाल लगाया था, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार स्पष्ट कर चुके हैं कि ये मेडिकल कॉलेज पूर्व यूपीए सरकार में ही स्वीकृत हुआ था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहते 19 फरवरी 2014 को रात एक बजे वह दिल्ली में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद से मिले थे और मेडिकल कॉलेज मंजूर कराया था। यही कारण है कि बीजेपी सरकार और नादौन के पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री मेडिकल कॉलेज का निर्माण नहीं करा रहे। पूर्व यूपीए सरकार में ही 189 करोड़ के बजट सहित मेडिकल कॉलेज को स्वीकृति मिली थी। कॉलेज निर्माण के लिए जोलसप्पड़ में 26 एकड़ भूमि का भी प्रावधान हो चुका है। बावजूद इसके जनता घर-द्वार पर अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम है।