स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर लाभ देने की बात करने वाली बीजेपी सरकार की असलियत ऊना में साफ देखी जा सकती है। जिला के क्षेत्रीय अस्पताल में हर रोज मरीजों को दिक्कतें पेश आ रही हैं, यहां तक की डॉक्टरों और स्टॉफ की मनमर्जी के कारण मरीज तो मरीज तीमारदार भी अस्पताल के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। यह बात जिला ऊना के कांग्रेस प्रवक्ता वरूण पुरी ने कही। पुरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही स्वास्थ्य सेवाएं न सुधरी, तो जिला कांग्रेस कमेटी धरना देने से गुरेज नहीं करेगी।
रविवार को जारी बयान में वरूण पुरी ने कहा कि बीजेपी सरकार में अस्पताल खुद वेंटीलेटर पर है। हालत यह है कि अस्पताल में मरीजों को छोटे-छोटे काम के लिए या तो विधायकों को फोन करना पड़ रहा है, या फिर धक्के खाने के बाद निराश होकर घर लौटना पड़ रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में ऐसा कुछ दिनों से नहीं बल्कि कई महीने से चल रहा है, जिसको लेकर सदर की जनता ने कई बार विधायक सतपाल रायजादा को अवगत करवाया और फोन कर अस्पताल बुलाया।
वरूण पुरी ने कहा कि ताजा उदाहरण शुक्रवार का है। अस्पताल में डेथ सर्टिफिकेट न मिलने के चलते मजबूरन मृतक के भाई ने विधायक सपताल रायजादा को फोन कर बुलाया। विधायक के हस्तक्षेप के बाद ही अस्पताल द्वारा सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाया गया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी शासन काल में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे चल रही हैं। मरीजों को पर्ची बनाने के लिए चार-चार घंटे लग रहे हैं। घंटो देर खड़े होने के बाद अगर पर्ची बन जाती, तो डॉक्टर नहीं मिल पाता है, ऐसे में मरीज को सुविधा नहीं बलिक दुविधा पेश आ रही है।
पुरी ने कहा कि रात के सयम आपातकालीन स्थिति में एक्स-रे की भी सुविधा नहीं मिल पाती है। ऐसे में मरीजों को रात के समय बाहर धक्के खाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि कहने को तो अस्पताल में अनेकों योजनाएं चल रही हैं, जो कि सिर्फ कागजों में हैं। धरातल पर योजनाएं अभी तक नहीं उतरी हैं। प्रवक्ता ने कहा कि अगर स्वास्थ्य सेवाएं न सुधरी तो प्रदर्शन करने से गुरेज नहीं किया जाएगा।