जिला मंडी की जनता ने 24 साल बाद फिर इतिहास दोहराया। लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का जादू मतदाताओं के सिर चढ़कर बोला। 1993 में मंडी से मुख्यमंत्री के नारे पर कांग्रेस ने 10 में से 9 सीटें जीती थीं। एक सीट पर कांग्रेस का बागी विजयी रहा था। उस समय मंडी से पंडित सुखराम को मुख्यमंत्री बनाने का नारा जोर-शोर से गूंजा था। टिकट आवंटन भी मंडी में पंडित सुखराम के कहने पर हुआ था।
नाचन हलके से पंडित सुखराम ने वीरभद्र के सह समर्थक टेक चंद डोगरा का टिकट काट कर अपने सिपहसलार सोहन लाल को दिया था। सोहन लाल को मुंह की खानी पड़ी थी। निर्दलीय मैदान में उतरे टेक चंद डोगरा विजयी रहे थे। अन्य 9 हलकों में कांग्रेस विजयी रही थी। बावजूद इसके पंडित सुखराम मुख्यमंत्री की गद्दी तक नहीं पहुंच पाए थे।
अब 24 साल बाद समय ने एक बार फिर करवट बदली और इतिहास के दोहरा दिया। इस बार बीजेपी मंडी में 10 सीटों में से 9 सीटें जीत गई। जोगेंद्रनगर हलके से विजयी रहे निर्दलीय प्रकाश राणा भी बीजेपी के समर्थक रहे हैं। उन्होंने बीजेपी से टिकट भी मांगा था।