तीन तलाक पर राज्यसभा में बिल पेश कर दिया गया है। बुधवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन पटल के समक्ष बिल पेश किया। इस बिल को लेकर राज्यसभा में चर्चा शुरू हो चुकी है। 3 तलाक बिल लोकसभा से पारित हो चुका है। हालांकि, राज्यसभा में इस बिल को लेकर हंगामा देखा जा रहा है।
इस सदन से भी बिल पास होने के बाद तलाक देना अपराध की श्रेणी में आ जाएगा। सरकार ने इसके चलते अपने सभी सासंदों को मंगलवार को ही तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा था। राज्यसभा में पेश होने वाले इस बिल को पास करवाने के लिए सरकार विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने में लगी है।
बिल पर राज्यसभा में हंगामा
3 तलाक बिल राज्यसभा में पेश होते ही विपक्ष की तरफ से हंगामा शुरू हो चुका है। विपक्ष बिल को सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रही है। जबकि, सरकार सलेक्ट कमेटी के पास बिल भेजने के खिलाफ है। चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के इस रुख की आलोचना की। ख़ास तौर पर कांग्रेस को टारगेट करते हुए जेटली ने कहा कि इस मामले में लोकसभा में समर्थन के बाद राज्यसभा में विरोध क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 3 तलाक के मसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी असंवैधानिक बताया है।
क्या है तीन तलाक पर रोक के बिल का प्रावधान?
- एक साथ 3 तलाक गैर-कानूनी और असंवैधानिक होगा
- एक साथ 3 तलाक देने वाले को सजा हो सकती है
- तलाक के बाद गुजारा भत्ता और बच्चे किसके पास रहे यह मैजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा
- जुर्माने की रकम से पीड़ित महिला को गुजारा भत्ता दिया जाएगा
- महिला को गुजारा भत्ता कितना मिलेगा मैजिस्ट्रेट तय करेगा