बीजेपी नेता तुलसी राम ने कहा कि अगर बीजेपी ने इस बार भी 2012 की तरह टिकटों की बंदरबांट की तो 2012 की तरह इस बार भी बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ेगा। उन्होंने पार्टी हाईकमान से आग्रह किया है कि सिर्फ उन्हीं प्रत्याशियों को टिकट दिया जाए जो जीत की क्षमता रखते हों, ताकि पार्टी की जीत पक्की हो पाए।
तुलसी राम ने कहा कि 2012 में शांता कुमार की जिद के चलते मुझे भरमौर से टिकट नहीं दिया गया था। इसके कारण बीजेपी को भरमौर से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार ने उन्हें वरिष्ठता के आधार पर अध्यक्ष पद पर आसीन किया था। धूमल ने मात्र पार्टी को आगाह करने का काम किया है, क्योंकि वह पार्टी के प्रति समर्पित हैं। तुलसी राम ने कहा कि पिछली की गलती से सबक लेते हुए बीजेपी को इस बार टिकट सोच-समझ कर, जिताऊ प्रत्याशियों को देने चाहिए।