पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा कि आज देश के विभिन्न भागों में बेरोजगारों ने थालियां बजाकर बेरोज़गारी की स्थिति और सरकार की अकर्मण्यता पर रोष ज़ाहिर किया । यह दर्शाता है कि स्थिति किस क़दर गंभीर हो चुकी है । कोरोना काल तो पांच महीने पहले आया उससे पहले ही केंद्र सरकार की नीतियों से अर्थव्यवस्था धरातल की तरफ़ लुढ़क रही थी और रोज़गार के अवसर सिमट रहे थे । सरकारी क्षेत्र की कंपनियों को जो मुनाफ़े में हुआ करती थी, उनको बेचने का काम यह सरकार कर रही है । रिज़र्व बैंक के फ़ंड से पैसा ले चुकी है । वर्षों बीत जाने पर भी SSC रेलवे आदि के एक्षाम नहीं करवाए जा रहे । नौकरियों में भारी कटौती कर दी गई है । बेरोज़गार युवा फिर सड़क पर नहीं आएगा तो कहां जाएगा ?
पूर्व मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी यही स्थिति है । इंवेस्टर मीट फ़ेल हो चुकी है । निजी क्षेत्र में युवाओं को रोज़गार दिलवाने में सरकार फ़ेल है कोई नीति योजना विजन नहीं हैं । सरकारी भर्तियों में बाहर के लोग भरे जा रहें हैं । जब हमने यह रोडमैप तैयार किया है की कैसे दो लाख युवाओं को रोज़गार दे, सवावलंबित करें । तो समझ नहीं आता सम्पूर्ण संसाधनों मशीनरी के साथ सरकार क्यों फ़ेल है ?