मॉनसून सत्रः प्रश्नकाल में गूंजा वेंटीलेटर, आपदाओं से नुकसानऔर नई शिक्षा नीति का मामला

<p>हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र के 5वें दिन&nbsp; प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष की तरफ़ राजेन्द्र राणा कुछ बोलने के लिए खड़े हुए लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें ये कह कर बिठा दिया कि प्रश्नकाल के बाद में अपनी बात सदन में रख सकते है। इसके बाद प्रश्नकाल की शुरुआत ठियोग के सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा के सवाल से हुई। विधायक ने मुख्यमंत्री से पूछा कि नगर निगम शिमला एनएच अथॉरिटी व अन्य विभागों ने शर्दियों के मौसम में बर्फ को हटाने पर कितना पैसा ख़र्च किया। इस पर मुख्यमंत्री जयराम की तरफ से जवाब आया की सूचना एकत्रित की जा रही है। दूसरा सवाल दून के विधायक परमजीत पम्मी ने मुख्यमंत्री से किया उसमें पूछा गया कि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में विभिन्न विभागों में कौन कौन से अधिकारी और कर्मचारी कितने समय के लिए कार्यरत रहते हैं। 3 वर्ष से अधिक कार्यरत अधिकारी और कर्मी स्थानांतरित किए जाएंगे। इस सवाल पर भी सूचना एकत्रित की जा रही है का ही जवाब आया।</p>

<p>उसके बाद किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी और नंद लाल के सयुंक्त प्रश्न में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग&nbsp; मंत्री से पूछा गया कि प्रदेश को केन्द्र सरकार से कंपनी ने वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए। साथ ही किन -किन अस्पतालों में ये वेंटिलेटर आवंटित किए गए है ब्यौरा दें। जबाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को कुल 500 वेंटिलेटर (322 आईसीयू व 178 पोर्टेबल) फ्री उपलब्ध करवाएं हैं। इनमें 472 वेंटिलेटर प्रदेश के अस्पतालों में भेज दिए गए है। 310 क्रियाशील है। भारत इलेक्ट्रॉनिस से 320 जिनकी प्रति वेंटिलेटर 4, 48,000 कीमत है।&nbsp; इनकी कुल क़ीमत 14,33,60,000/- है। एलयाईएड से 2 वेंटिलेटर खरीदे जिनकी क़ीमत 17,24,800 है। जबकि 178 वेंटिलेटर ए.जी.वी.ए.&nbsp; से 178 वेंटिलेटर की ख़रीद प्रति यूनिट 1,66,376/- के हिसाब से की गई और इन पर कुल 2,96,14,927 की राशि ख़र्च हुई है। अधिकतर वेंटिलेटर लगा दिए गए है जबकि बचे वेंटिलेटर को तकनीकी टीम की मदद से लगा दिया जाएगा।</p>

<p>अगला सवाल हमीरपुर के सदस्य नरेन्द्र ठाकुर ने वन मंत्री एवं युवा सेवाएं व खेल मंत्री से पूछा कि क्या&nbsp; सरकार हमीरपुर में एथेलेटिक ट्रैक के दृष्टिगत एथेलेटिक अकादमी स्थापित रखने का विचार रखती है। जबाब में मंत्री राकेश पठानियां ने कहा कि वर्तमान में एथेलेटिक ट्रैक का प्रबंधन और संचालन जिला युवा सेवा एवम खेल अधिकारियों द्वारा एथलेटिक प्रशिक्षकों के माध्यम से किया जा रहा है। प्रदेश में अलग से खेल अकादमियां स्थापित करने की योजना नही है। बैजनाथ के विधायक मुलखराज प्रेमी ने मुख्यमंत्री से बैजनाथ में फायर स्टेशन के लंबित पड़े निर्माण कार्यो को शुरू करने का सवाल पूछा। जबाब में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर बताया कि बैजनाथ क्षेत्र में कोई फायर स्टेशन नही है बल्कि फायर चौकी है जिसके लिए 2,92,77,700 रुपए स्वीकृत हुए है। इसका काम चल रहा था लेकिन कोविड -19 के चलते मज़दूरों की कमी से काम बन्द पड़ा है। इसको जल्द शुचारु कर दिया जाएगा।</p>

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<p>इसके बाद रमेश धवाला, अरुण कुमार और जिया लाल ने राजस्व मंत्री से पूछा कि 31 जुलाई तक प्रदेश में बरसात, बर्फ़बारीऔर आगज़नी से कितने मकान क्षतिग्रस्त हुए और इनकी मुरम्मत पर कितनी धनराशि आवंटित की गई। सरकार क्या इस नुकसान की&nbsp; भरपाई के लिए राशि को बढ़ाने का विचार रखती है। मंत्री महेंद्र सिंह की उपस्थिति में सुरेश भारद्वाज ने जबाब में कहा कि 31 जुलाई तक प्रदेश में बरसात, बर्फ़बारी और आगज़नी से 7,061मकान क्षतिग्रस्त हुए। इनकी मुरम्मत पर 10,68,98,620/-रुपए की राशि दी गई। भविष्य में&nbsp; भारत सरकार के मापदंडों के मुताबिक ये राशि घटाई बढ़ाई जाएगी।</p>

<p>इसके बाद विधायक आशा कुमारी ने शिक्षा मंत्री से नई शिक्षा नीति को लेकर पूछा कि क्या हिमाचल सरकार नई शिक्षा नीति को लागू करने जा रही है? यदि हां, तो इस नीति की प्रति सदन में रखी जाए। आगे उन्होंने ये भी पूछा कि हिमाचल में कौन सी मातृ भाषा मानी जाएगी और क्या निज़ी स्कूलों में भी ये नीति लागू होगी? जबाब में शिक्षा मंत्री गोविन्द ठाकुर ने बताया कि सरकार ने प्रदेश में नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने का फ़ैसला लिया है। जिसकी प्रति सदन में रख दी गई है। मंत्री ने बताया कि हिंदी ही मातृ भाषा इसलिए हिंदी को ही प्राथमिकता दी जाएगी साथ ही निज़ी स्कूलों में भी ये लागू होगी।</p>

<p>इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने पूछा कि 2630 एसएमसी शिक्षकों को बहाल करने के लिए सरकार कुछ कर रही है। लेकिन जबाब में कहा गया कि सवाल शिक्षा नीति को लेकर है इसका जबाब अलग से दिया जा सकता है। इसके बाद मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने एसएमसी शिक्षकों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया। इस पर विपक्ष की तरफ़ से एसएमसी के पक्ष में आवाज़ उठती रही। मुख्यमंत्री बोले कि मानवीय दृष्टिकोण से सर्वोत्तम न्यायालय में जाने पर सरकार विचार कर रही है। इसी के साथ प्रश्नकाल समाप्त हो गया।</p>

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